Wednesday, June 25, 2025

रांची में 1935 में पहली बार आई थी बिजली, बुधिया परिवार को जाता है श्रेय

रांची : राजधानी में वर्ष 1935 से पहले बिजली नहीं थी। तब हरि कर्मकार सरीखे लोग अपर बाजार में ढ़िबरी बनाकर बेचा करते थे। ज्यादातर कर्मकार ढ़िबरी बनाने के लिए बंगाल के बाकुड़ा जिले से रांची आये थे। यही लोग ढ़िबरी बनाकर रांची शहर और इसके आसपास लगने वाले बाजारों में इसे बेचा करते थे। 1935 में पहली बार रांची में बिजली जलाने के लिए बिहार सरकार ने राधाकृष्ण बुधिया को लाइसेंस जारी किया। यह लाइसेंस सितंबर 1965 तक वैध था। लाइसेंस मिलने के बाद राधाकृष्ण बुधिया ने चुटिया में पावर हाउस की स्थापना की और कोयला और पानी की मदद से बिजली उत्पादन शुरू किया। राधाकृष्ण बुधिया उस वक्त रांची में कपड़े के बड़े व्यापारी थे। उनके भाईयों में संतुलाल बुधिया, राधेश्याम बुधिया और गंगा प्रसाद बुधिया थे। लाइसेंस मिलने के बाद राधाकृष्ण बुधिया ने रांची इलेक्ट्रिक कंपनी की स्थापना की और रांची को बिजली से जगमगा दिया। कंपनी विद्युत उत्पादन भी करती थी और वितरण भी। इसका मुख्यालय मेन रोड स्थित बुधिया कांप्लेक्स में था। तब रांची की आबादी चालीस हजार के आसपास थी। 1965 में दूसरी बार राधाकृष्ण बुधिया के लाइसेंस का बिहार सरकार ने दस वर्षो के लिए नवीनीकरण किया। 1975 के सितंबर माह में लाइसेंस की अवधि समाप्त होने वाली थी कि 17 जुलाई 1975 की आधी रात से बिहार सरकार ने रांची इलेक्ट्रिक कंपनी का अधिग्रहण कर लिया और दूसरे दिन बिहार बिजली बोर्ड को सौंप दिया। हालांकि, रांची के विकास में बुधिया परिवार के योगदान को भुलाया नहीं जा सकता। इस परिवार ने ही अंग्रेजी साप्ताहिक द रिपब्लिक का भी प्रकाशन शुरू किया था।

Hot this week

Panchayat Season 4: जानिए कैसा है Panchayat Season 4 का पहला ऐपिसोड ? क्या कह रही viewers ? [Panchayat Season 4: Know how is...

मुंबई, एजेंसियां। 'पंचायत' का चौथा सीजन आखिरकार रिलीज हो...
spot_img

Related Articles

Popular Categories

spot_imgspot_img