रांची। मुख्यमंत्री मंईयां सम्मान योजना से जुड़ी बड़ी खबर है। इस बार 56 नहीं, 37 लाख 55 हजार लाख महिलाओं के खाते में ही राशि भेजी जायेगी। सरकार के इस निर्ण से हड़कंप मच गया है।
एक ओर जहां विपक्ष इसे मुद्दा बनाने में जुटा है, वहीं लाभुकों में बेचैनी है कि कहीं, उनका नाम तो नहीं कट गया। सभी ये जानने को इच्छुक हैं कि आखिर ये छंटनी क्यों हो रही है।
दरअसल मंईयां सम्मान योजना को लेकरर बड़ा खुलासा हुआ है। करीब एक लाख लाभुक अयोग्य करार दिये गये हैं। ये वैसे लोग हैं, जो इस लाभ को पाने के लिए पात्र नहीं थे, पर उन्होंने अपने नाम जुड़वा लिये।
ऐसे अपात्र लाभुकों के नाम काट दिए गए हैं। इसके साथ ही, 12 लाख लाभुकों के नाम होल्ड पर रखे गए हैं। जब तक जांच पूरी नहीं हो जाती, तब तक ये होल्ड पर ही रहेंगे।
करीब 37.55 लाख महिलाओं के खाते में महिला दिवस पर 8 मार्च से पब्लिक फाइनेंशियल मैनेजमेंट सिस्टम (पीएफएमएस) से पैसे भेजने की शुरुआत हो सकती है। इस बार उन्हें तीन महीने के 7500 रुपए एकमुश्त मिलेंगे।
जनवरी में 56,61,791 लाभुकों के खाते में भेजी गई थी राशिः
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने 6 जनवरी को नामकुम में आयोजित कार्यक्रम के दौरान 56,61,791 लाभुकों के खाते में 2,500 रुपए की किस्त जारी की थी। इसके बाद कई गड़बड़ियां सामने आने के बाद महिलाओं के खाते में पैसे ट्रांसफर करने का काम रोक दिया गया था।
अपात्र लाभुकों की पहचान की जा रही थी। अब स्क्रूटनी के बाद अब तक 43,08,088 पात्र लाभुक मिले हैं। वहीं 13,53,703 लाभुकों का अब तक सत्यापन नहीं हुआ है।
एक साथ 3 माह की मिलेगी राशिः
राज्य सरकार ने विधानसभा के बजट सत्र में आश्वासन दिया था कि होली से पहले लाभुकों के खाते में पैसे भेज दिए जाएंगे। इसके बाद विभागीय अधिकारी एक्शन में हैं। कुछ जिलों में बैंकों को लाभुकों के नाम और खाता नंबर भेजे जाने लगे हैं। इस बार एक साथ उन्हें जनवरी, फरवरी और मार्च के पैसे मिलेंगे।
इस साल 13,363.35 करोड़ का प्रावधानः
बताते चलें कि इस बार बजट में मंईयां योजना के लिए 13 लाख 363 हजार 35 करोड़ का प्रावधान किया गया है। झारखंड विधानसभा में सोमवार को पेश वित्तीय वर्ष 2025-26 के बजट में राज्य सरकार ने मंईयां सम्मान योजना के लिए इस राशि का प्रावधान किया है।
यह कुल बजट का 9.19% और योजना बजट का 14.56% है। वित्त मंत्री राधा कृष्ण किशोर ने कहा कि सरकार महिलाओं को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाना चाहती है। इसलिए बजट में महिलाओं के लिए विशेष प्रावधान किया गया है।
दिसंबर में 56 लाख 61 हजार लाभुकों के बीच 1415 करोड़ 44 लाख 77 हजार 500 रुपए ट्रांसफर किए गए थे। इस हिसाब से हर साल करीब 16,985 करोड़ से ज्यादा राशि की जरूरत पड़ती। लेकिन बताया जा रहा है कि फर्जी आवेदकों की छंटनी के बाद यह राशि पर्याप्त होगी।
गड़बड़ी मिलने के बाद रोक दी गई थी राशिः
इस योजना में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी की शिकायत सामने आई थी। कहीं पुरुषों के खाते में पैसे भेजे जा रहे थे, तो कहीं पात्र लाभुकों के पैसे किसी और के खाते में जा रहे थे। इसके बाद सरकार ने जांच का आदेश दिया और महिलाओं के खाते में पैसे भेजने बंद कर दिए।
इससे महिलाएं असमंजस में हैं कि आखिर उन्हें यह राशि मिलेगी या नहीं। विधानसभा में विपक्ष ने यह मुद्दा उठाया तो अनुसूचित जाति-जनजाति और पिछड़ा वर्ग कल्याण मंत्री चमरा लिंडा ने कहा कि होली से पहले लाभुकों के खाते में मंईयां सम्मान योजना की राशि ट्रांसफर हो जाएगी। इसके बाद से ही अधिकारी रेस हो गए हैं।
सबसे ज्यादा 3.65 लाख लाभुक रांची मेः
महिलाओं के खाते में रुपए ट्रांसफर करने के लिए मुख्यमंत्री मंईयां सम्मान योजना पोर्टल से 43,85,357 लाभुकों का पेमेंट लिस्ट डाउनलोड की जा चुकी है। इनमें से 43 लाख 8 हजार 88 लाभुकों का आधार नंबर पीएफएमएस पोर्टल पर अपलोड कर दिया गया है।
आधार सीड डेटा में 37 लाख 55 हजार 233 लाभुकों के नाम दर्ज हैं। शेष 5 लाख 52 हजार 855 लाभुकों के खाते में आधार सीडिंग के बाद पैसे भेजे जाएंगे।
इस योजना के लाभुकों की संख्या के हिसाब से टॉप 5 जिलों की बात करें, तो सबसे ज्यादा रांची में 3 लाख 65 हजार 512, गिरिडीह में 3 लाख 54 हजार 511, धनबाद में 3 लाख 9 हजार 879, पलामू में 2 लाख 84 हजार 06 और बोकारो में 2 लाख 79 हजार 746 लाभुक हैं। अब एकमुश्त तीन माह की राशि मिलने से उनकी होली अच्छी मननेवाली है।
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