Nilambar-Pitambar University :
रांची। नीलांबर-पीतांबर विश्वविद्यालय के नए भवनों में घटिया निर्माण की शिकायतों पर राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार ने गंभीर संज्ञान लेते हुए ठेकेदार के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई और विश्वविद्यालय के छह वरिष्ठ अधिकारियों पर कठोर प्रशासनिक कार्रवाई का आदेश दिया है। इसके साथ ही निर्माण कार्य की देखरेख करने वाले झारखंड राज्य भवन निर्माण निगम के कार्यपालक अभियंता पर भी जिम्मेदारी तय करने के निर्देश दिए गए हैं।
Nilambar-Pitambar University :जांच में सामने आए गंभीर दोष:
राज्यपाल सचिवालय और पलामू उपायुक्त द्वारा गठित समिति की रिपोर्ट में कई चौंकाने वाली खामियाँ उजागर हुईं:
चौखट में दरारें, बालकनी की ग्रिल असुरक्षित ढंग से लगाई गई।
खिड़की-दरवाजों और अन्य हिस्सों में घटिया सामग्री का उपयोग।
लैंडस्केपिंग और पेवर ब्लॉक में दरारें।
अकेडमिक बिल्डिंग में जल सुविधा की कमी।
प्रशासनिक भवन में एक भी बोरिंग नहीं, जबकि रिपोर्ट में दो बोरिंग और समरसेबल पंप का जिक्र था।
वर्षा और गंदे पानी के लिए अलग पाइपलाइन नहीं बनाई गई।
भवन के चारों ओर दीमक पाई गई, जिससे संरचना को खतरा है।
Nilambar-Pitambar University :इन पर होगी कार्रवाई:
निर्माण कंपनी: कोलकाता की छाबड़ा एंड जेके इंजीनियरिंग, जिस पर घटिया निर्माण और बीओक्यू के उल्लंघन का आरोप है।
विश्वविद्यालय अधिकारी: डीन, सीसीडीसी, प्रॉक्टर, रजिस्ट्रार, असिस्टेंट रजिस्ट्रार और फिजिक्स विभागाध्यक्ष पर भी कार्रवाई के निर्देश।
भवन निर्माण निगम: कार्यपालक अभियंता और पलामू स्थित अधिकारियों पर गलत रिपोर्ट देने के लिए जिम्मेदारी तय करने को कहा गया है।
Nilambar-Pitambar University :निर्माण की लागत में भी सवाल:
वर्ष 2018 में 116 करोड़ रुपये की लागत पर दो वर्षों में निर्माण कार्य पूरा करने का अनुबंध हुआ था, लेकिन 40% लागत वृद्धि के बाद कुल खर्च 162 करोड़ रुपये तक पहुंच गया। राज्यपाल ने इस लागत वृद्धि का कारण स्पष्ट करने और सक्षम अधिकारी से अनुमति ली गई थी या नहीं, इसकी जांच के आदेश भी दिए हैं।
Nilambar-Pitambar University :राज्यपाल ने दिए ये निर्देश:
घटिया निर्माण की उच्च स्तरीय समीक्षा की जाए।
बीओक्यू के अनुरूप कार्य न होने पर विस्तृत रिपोर्ट सौंपी जाए।
संबंधित सभी दोषियों पर कार्रवाई सुनिश्चित की जाए।
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