रांची। कोडरमा की महिलाओं ने अपने परिश्रम से बता दिया है कि वो किसी से कम नहीं है। अपने प्रयास से वो आत्मनिर्भर बन गयी हैं और लाखों कमा रही हैं। कोडरमा के वुमेन फार्मर प्रोड्यूसर कपंनी लिमटेड के माध्यम से एक साथ जिले की 2000 महिलाएं न सिफ आत्मनिर्भर बन रही हैं बल्कि आर्थिक रूप से सशक्त भी हो रही हैं।
ग्रामीण महिलाएं मडुवा के लड्डू और कुकीज बनाकर नारी सशक्तिकरण की मिसाल पेश कर रही हैं। झुमरी तिलैया स्थित बाजार समिति परिसर में तकरीबन 1 करोड़ 80 लाख की लागत से मडुवा उत्पाद और आलू चिप्स प्रसंस्करण यूनिट लगाई गई है। जिससे 2000 महिला किसान बतौर शेयर होल्डर जुड़ी है, साथ ही फिलहाल 20 महिलाओं की एक टीम तैयार की गई है जो इन उत्पादों को तैयार कर, उसकी पैकेजिंग करती है।
जो महिलाएं यहां काम करती है, उन्हें हर महीने 9 से 11 हजार रुपए की आमदनी होती है, जबकि जो महिलाएं सिर्फ शेयर होल्डर के रूप में इस कंपनी से जुड़ी है, उन्हें कंपनी के लाभांश का एक प्रतिशत हिस्सा उनके खाते में दिया जा रहा है। इससे जुड़कर महिलाएं खुद को आत्मनिर्भर और सशक्त महसूस कर रही है।
प्रशांत सरगम इकाई की प्रभारी कुदरत सुल्तान ने बताया कि जो महिलाएं कल तक घरों में रहा करती थी वह आज आगे आकर इतने बड़े पैमाने पर मडुवा के बिस्कुट लड्डू और आलू के चिप्स जैसे उत्पादन तैयार कर रहीं हैं । यह सिर्फ बदलाव ही नहीं बल्कि एक साथ 2000 महिलाओं के सशक्तिकरण की वांगी भी है।
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