Uttarkashi disaster:
देहरादून, एजेंसियां। उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले के धराली गांव में भारी बारिश के बाद मंगलवार को बादल फटने से खीरगंगा नदी में आई विनाशकारी बाढ़ ने तबाही मचा दी। इस आपदा में धराली स्थित प्राचीन शिव मंदिर कल्प केदार भी मलबे में दब गया है। यह मंदिर वास्तुकला में केदारनाथ धाम से मिलता-जुलता है और इसका इतिहास भी बेहद खास है।
मंदिर की कहानी
बताया जाता है कि यह मंदिर पहली बार वर्ष 1945 में एक खुदाई के दौरान पूरी तरह सामने आया था। इससे पहले यह किसी पुरानी आपदा के कारण जमीन में दब गया था और केवल इसका ऊपरी भाग ही दिखाई देता था। खुदाई के बाद मंदिर की पूरी संरचना उजागर हुई, जो कि कतुरे शैली में बनी थी – ठीक वैसे ही जैसे केदारनाथ मंदिर की वास्तुशिल्प है।
इस मंदिर में स्थापित शिवलिंग का आकार भी नंदी की पीठ की तरह है, जैसा कि केदारनाथ में देखने को मिलता है। श्रद्धालुओं को इस मंदिर के गर्भगृह में पूजा के लिए नीचे उतरना पड़ता था, और खीरगंगा नदी का पानी अक्सर शिवलिंग को स्पर्श करता था, जिसके लिए विशेष मार्ग भी बनाया गया था।
राहत एवं बचाव कार्य तेज
आपदा के बाद राहत एवं बचाव कार्य तेजी से चल रहा है। अब तक 138 लोगों को सुरक्षित रेस्क्यू किया जा चुका है, जबकि 4 लोगों की मौत की पुष्टि हुई है। उत्तरकाशी के सीएमओ डॉ. बी.एस. रावत के अनुसार, डॉक्टरों की टीम राहत कैंपों में प्राथमिक उपचार दे रही है और मनोचिकित्सकों को भी भेजा गया है ताकि लोग मानसिक रूप से भी इस हादसे से उबर सकें। संपर्क मार्ग टूटने के कारण कुछ एंबुलेंस अब भी रास्ते में हैं।
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