रांची। आज के समय में महिलाएं किसी भी रूप में कम नहीं हैं और कोई भी क्षेत्र इनसे अछूता नहीं है। धरती से लेकर आकाश तक में महिलाओं ने अपनी छाप छोड़ी है। मेरी क्यूरी को भौतिकी और रसायन दोनों में नोबेल मिला है। मैरी कॉम, सुनीता विलियम, मीराबाई चानू जैसे हजारों उदाहरण हैं। ये बातें गुरुवार को एसएस मेमोरियल कॉलेज में आयोजित अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के आयोजन पर प्राचार्य डॉ बीपी वर्मा ने कहीं।
उन्होंने कहा कि ममता, सहनशीलता, धैर्य, त्याग यही महिला को विशेष बनाता है, इसलिए हमें रोज महिलाओं का सम्मान करना चाहिए। प्रोफेसर इंचार्ज डॉ रानी प्रगति प्रसाद ने कहा कि आज नारी को हिम्मत के साथ कार्य करना चाहिए। शिक्षा को प्राप्त कर हम अपने हक और अधिकार प्राप्त कर सकते हैं। हमें समस्याओं से डरना नहीं चाहिए। उन्होंने एक कोटेशन दिया कि मां के साथ ममता मिलती है, बहन से मिलता है हमेशा दुलार।
नारी शक्ति को पूजनीय समझो तो लगाती जीवन की नैया पार। डॉ मंजू सिंकू ने बताया कि यूनाइटेड नेशन यानी संयुक्त राष्ट्र ने 8 मार्च के दिन को दुनिया भर की महिलाओं को समर्पित किया था। इसके दो साल बाद यानी 1977 में संयुक्त राष्ट्र की जनरल असेंबली ने आठ मार्च को आधिकारिक तौर पर वीमेंस डे घोषित किया गया।
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