दिनांक – 20 फरवरी 2025
दिन – गुरुवार
विक्रम संवत् – 2081
अयन – उत्तरायण
ऋतु – बसन्त
मास – फाल्गुन
पक्ष – कृष्ण
तिथि – सप्तमी प्रातः 09:58 तक तत्पश्चात अष्टमी
नक्षत्र – विशाखा दोपहर 01:30 तक तत्पश्चात अनुराधा
योग – ध्रुव प्रातः 11:34 तक, तत्पश्चात व्याघात
राहु काल – दोपहर 02:20 से दोपहर 03:46 तक
सूर्योदय – 07:12
सूर्यास्त – 06:34
दिशा शूल – दक्षिण दिशा में
ब्राह्ममुहूर्त – प्रातः 05:28 से 06:18 तक
अभिजीत मुहूर्त – दोपहर 12:30 से दोपहर 01:16 तक
निशिता मुहूर्त – रात्रि 12:28 फरवरी 21 से रात्रि 01:18 फरवरी 21 तक
व्रत पर्व विवरण – शबरी जयंती, कालाष्टमी, मासिक कृष्ण जन्माष्टमी, सर्वार्थसिद्धि योग (दोपहर 01:30 से प्रातः 07:08 फरवरी 21 तक)
विशेष – अष्टमी को नारियल खाने से बुद्धि का नाश होता है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)
गुरुवार विशेष
हर गुरुवार को तुलसी के पौधे में शुद्ध कच्चा दूध गाय का थोड़ा-सा ही डाले तो, उस घर में लक्ष्मी स्थायी होती है और गुरूवार को व्रत उपवास करके गुरु की पूजा करने वाले के दिल में गुरु की भक्ति स्थायी हो जाती है ।
गुरुवार के दिन देवगुरु बृहस्पति के प्रतीक आम के पेड़ की निम्न प्रकार से पूजा करें :
एक लोटा जल लेकर उसमें चने की दाल, गुड़, कुमकुम, हल्दी व चावल डालकर निम्नलिखित मंत्र बोलते हुए आम के पेड़ की जड़ में चढ़ाएं ।
ॐ ऐं क्लीं बृहस्पतये नमः ।
फिर उपरोक्त मंत्र बोलते हुए आम के वृक्ष की पांच परिक्रमा करें और गुरुभक्ति, गुरुप्रीति बढ़े ऐसी प्रार्थना करें । थोड़ा सा गुड़ या बेसन की मिठाई चींटियों को डाल दें ।
गुरुवार को बाल कटवाने से लक्ष्मी और मान की हानि होती है ।
गुरुवार के दिन तेल मालिश हानि करती है । यदि निषिद्ध दिनों में मालिश करनी ही है तो ऋषियों ने उसकी भी व्यवस्था दी है । तेल में दूर्वा डाल के मालिश करें तो वह दोष चला जायेगा ।
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