Monday, June 23, 2025

अमेरिका ने यूक्रेन की सैन्य मदद रोकी [America stopped military aid to Ukraine]

वाशिंगटन डीसी, एजेंसियां। Trump and Zelensky हाल ही में व्हाइट हाउस में अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की के बीच एक गर्मागर्म बहस हुई, जिसके बाद अमेरिका ने यूक्रेन को दी जाने वाली सैन्य सहायता को पूरी तरह रोकने का निर्णय लिया है। व्हाइट हाउस के अधिकारियों के अनुसार, ट्रंप की मंशा यही है कि रूस और यूक्रेन के बीच पिछले तीन साल से चल रहा युद्ध जल्द से जल्द समाप्त हो, और इसी कारण वे जेलेंस्की से भी इसी दिशा में कदम उठाने की उम्मीद कर रहे हैं।

बता दें कि इससे पहले, जब डोनाल्ड ट्रंप अमेरिका के राष्ट्रपति थे, तब उन्होंने कांग्रेस द्वारा मंजूर की गई यूक्रेन की सैन्य सहायता को रोक दिया था और उस समय के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार जो बाइडेन के खिलाफ जांच शुरू करने का आदेश दिया था।

इस वजह से ट्रंप के खिलाफ महाभियोग भी चलाया गया था। 2024 के राष्ट्रपति चुनावों के दौरान भी ट्रंप ने यह वादा किया था कि यदि वे सत्ता में आते हैं, तो रूस और यूक्रेन के बीच जारी संघर्ष को जल्द समाप्त करवा देंगे। अब चुनाव जीतने के बाद उनका स्पष्ट रुख यही है कि रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन युद्धविराम चाहते हैं और शांति के पक्षधर हैं, जबकि यूक्रेन इस दिशा में कदम उठाने को तैयार नहीं है।

जेलेंस्की-ट्रंप के बीच अनबनः

सोमवार को एक बयान में डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि रूस और यूक्रेन का युद्ध अभी खत्म होने के करीब भी नहीं है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि जेलेंस्की अमेरिका की मदद के बदले आभार व्यक्त करने में विफल रहे हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक, दोनों नेताओं के बीच असल विवाद एक महत्वपूर्ण मिनरल डील को लेकर था। अमेरिका चाहता था कि यूक्रेन बिना किसी शर्त के इस समझौते पर हस्ताक्षर करे, लेकिन जेलेंस्की इसके बदले सुरक्षा की गारंटी की मांग कर रहे थे।

इसी मुद्दे पर जब व्हाइट हाउस में दोनों नेताओं की मुलाकात हुई, तो बहस इतनी तीखी हो गई कि ट्रंप ने जेलेंस्की को “तीसरे विश्वयुद्ध को भड़काने वाला” और “एक बेवकूफ राष्ट्रपति” तक कह दिया। इस पर जेलेंस्की नाराज हो गए और बिना भोजन किए ही बैठक से बाहर निकल गए।

यूरोपीय देशों ने यूक्रेन को दिया समर्थनः

इस घटना के बाद यूरोप के कई देशों ने जेलेंस्की के पक्ष में अपना समर्थन जताया। जब वे अमेरिका से ब्रिटेन पहुंचे, तो वहां उनका भव्य स्वागत किया गया। ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर ने खुलकर यूक्रेन की सहायता जारी रखने की घोषणा की और यह भी कहा कि उनका देश रूस और यूक्रेन के बीच शांति स्थापित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।

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