Monday, July 7, 2025

इलाहाबाद HC का तर्क-यौन हमले को नहीं माना जा सकता रेप का प्रयास [Allahabad HC’s argument- Sexual assault cannot be considered an attempt to rape]

प्रयागराज, एजेंसियां। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक महत्वपूर्ण फैसले में कहा है कि गंभीर यौन हमले को रेप का प्रयास नहीं माना जा सकता। कोर्ट ने आरोपियों के खिलाफ आरोपों में संशोधन करते हुए नया विजन दिखाया है।

न्यायमूर्ति राममनोहर नारायण मिश्रा की पीठ ने कासगंज जिले के पटियाली थाना क्षेत्र से जुड़े एक मामले में स्पष्ट किया कि पीड़िता के स्तनों को पकड़ना, उसके पायजामे का नाड़ा तोड़ना और उसे पुलिया के नीचे खींचने का प्रयास बलात्कार या बलात्कार के प्रयास के अंतर्गत नहीं आता है। कोर्ट ने यह भी कहा कि यह गंभीर यौन हमला है।

धारा 376 आईपीसी और पाक्सो एक्ट के तहत दर्ज है मामलाः

इससे पहले आरोपियों के खिलाफ धारा 376 आईपीसी (बलात्कार) और पाक्सो अधिनियम की धारा 18 (अपराध करने का प्रयास) के तहत मुकदमा दर्ज किया गया था। हाईकोर्ट ने कहा कि इस मामले में बलात्कार के प्रयास का आरोप नहीं बनता है।

कोर्ट ने कहा कि आरोपियों के खिलाफ लगाए गए आरोपों और मामले के तथ्यों के आधार पर यह साबित करना कि बलात्कार का प्रयास हुआ, संभव नहीं था। इसके लिए अभियोजन पक्ष को यह साबित करना पड़ता कि आरोपियों की कार्रवाई अपराध करने की तैयारी से आगे बढ़ चुकी थी। अदालत ने यह भी स्पष्ट किया कि बलात्कार के प्रयास और अपराध की तैयारी के बीच अंतर को सही तरीके से समझना चाहिए।

हाईकोर्ट ने निचली अदालत को दिया निर्देशः

हाईकोर्ट ने इस दलील पर विचार करते हुए पाया कि आरोपियों के खिलाफ बलात्कार के प्रयास का आरोप नहीं बनता। कोर्ट ने यह भी कहा कि आरोपियों के खिलाफ आईपीसी की धारा 354 (बी) (कपड़े उतारने के इरादे से हमला या आपराधिक बल का प्रयोग) और पाक्सो अधिनियम की धारा 9/10 (गंभीर यौन हमला) के तहत मामूली आरोपों के तहत मुकदमा चलाया जा सकता है।

हाईकोर्ट ने समन आदेश को संशोधित करते हुए निचली अदालत को निर्देश दिया कि वह आरोपियों के खिलाफ संशोधित धाराओं के तहत नया समन आदेश जारी करे। कोर्ट ने कहा कि इस मामले में कोई ऐसा साक्ष्य नहीं मिला जिससे यह साबित हो सके कि आरोपियों ने बलात्कार करने का इरादा किया था।

कासगंज का मामलाः

यह मामला कासगंज जिले के पटियाली थाना क्षेत्र का है, जहां पवन और आकाश ने 11 वर्षीय पीड़िता के साथ कथित रूप से यौन उत्पीड़न करने की कोशिश की। इस दौरान आकाश ने पीड़िता के पायजामे का नाड़ा तोड़ दिया और उसे पुलिया के नीचे खींचने का प्रयास किया। हालांकि, राहगीरों के हस्तक्षेप से आरोपियों को मौके से भागना पड़ा।

ट्रॉयल कोर्ट ने ये आदेश जारी किया थाः

ट्रायल कोर्ट ने इसे पाक्सो एक्ट के तहत बलात्कार के प्रयास और यौन उत्पीड़न का मामला मानते हुए समन आदेश जारी किया था। हालांकि, आरोपियों ने इस आदेश को चुनौती देते हुए हाईकोर्ट में पुनरीक्षण याचिका दायर की थी, जिसमें यह तर्क दिया गया कि शिकायत के आधार पर यह मामला धारा 376 आईपीसी (बलात्कार) के तहत नहीं आता और यह केवल धारा 354 (बी) आईपीसी और पाक्सो अधिनियम के तहत ही आ सकता है। कोर्ट के आदेश के बाद आरोपियों के खिलाफ नया समन आदेश जारी किया जाएगा।

इसे भी पढ़ें

जमानत दे रहे, जिससे रेप किया उससे शादी करोष: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा- लड़की को अच्छी जिंदगी देना, बेटी के नाम 2 लाख जमा करो

Hot this week

Bariatu Housing Colony: बरियातू हाउसिंग कॉलोनी में मनचलों और नशेड़ियों से सब परेशान, एक धराया [Everyone is troubled by hooligans and drunkards in Bariatu...

Bariatu Housing Colony: रांची। बरियातू हाउसिंग कॉलोनी एवं यूनिवर्सिटी कॉलोनी...

झारखंड विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण की अधिसूचना जारी [Notification issued for the second phase of Jharkhand assembly elections]

आज से नामांकन, 38 सीटों पर होगा मतदान रांची। झारखंड...

Violent protest: मेक्सिको में बढ़ते टूरिज्म के खिलाफ हिंसक प्रदर्शन [Violent protests against rising tourism in Mexico]

Violent protest: मेक्सिको सिटी, एजेंसियां। मेक्सिको सिटी के कई...
spot_img

Related Articles

Popular Categories

spot_imgspot_img