दिनांक – 28 फरवरी 2025
दिन – शुक्रवार
विक्रम संवत – 2081
शक संवत -1946
अयन – उत्तरायण
ऋतु – वसंत ॠतु
मास – फाल्गुन
पक्ष – शुक्ल
तिथि – प्रतिपदा 01 मार्च रात्रि 03:16 तक तत्पश्चात द्वितीया
नक्षत्र – शतभिषा दोपहर 01:40 तक तत्पश्चात पूर्वभाद्रपद
योग – सिद्ध रात्रि 08:08 तक तत्पश्चात साध्य
राहुकाल – सुबह 11:23 से दोपहर 12:51 तक
सूर्योदय 06:11
सूर्यास्त – 06:41
दिशाशूल – पश्चिम दिशा मे
व्रत पर्व विवरण- पयोव्रत आरंभ,राष्ट्रीय विज्ञान दिवस,पंचक
विशेष- प्रतिपदा को कूष्माण्ड (कुम्हड़ा पेठा) न खाएं क्योकि यह धन का नाश करने वाला है (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-38)
प्रायश्चित जप
पूर्वजन्म या इस जन्म का जो भी कुछ पाप-ताप है, उसे निवृत्त करने के लिए अथवा संचित नित्य दोष के प्रभाव को दूर करने के लिए प्रायश्चितरूप जो जप किया जाता है उसे प्रायश्चित जप कहते हैं
कोई पाप हो गया, कुछ गल्तियाँ हो गयीं, इससे कुल-खानदान में कुछ समस्याएँ हैं अथवा अपने से गल्ती हो गयी और आत्म-अशांति है अथवा भविष्य में उस पाप का दंड न मिले इसलिए प्रायश्चित – संबंधी जप किया जाता है |
लक्ष्मी कहा विराजती है
जहाँ भगवान व उनके भक्तों का यश गाया जाता है वहीँ भगवान की प्राणप्रिया भगवती लक्ष्मी सदा विराजती है | (श्रीमद् देवी भागवत )
मन चंचल हो तो
जब भी संध्या करने बैठे सुबह या शाम को | तो २४ बार मन में राम नाम का उच्चारण करके फिर बैठे | खाली २४ बार, उँगलियों पर नहीं गिनना १,२,३ मन में ही जपना मन में ही गिनती करना | मन चंचल हो तो इससे मन शांत हो जाता है
कई लोग बोलते हैं न हम जप करने बैठते हैं मन नहीं लगता | तो २४ बार करके बैठे अपनी मन की आँखों के आगे अपने इष्ट अपने गुरु को रखें | कि मेरा मन जप में, ध्यान में, उपासना में लग जाये | तो बड़ा भारी लाभ होता है | तो ब्रह्म राम ते नाम बड़, वरदायक वरदानी | ये नाम जो है वरदान देने वालो को भी वर देने वाला है | ऐसी इस नाम में शक्ति है |
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