बर्ड फ्लू, जिसे एवियन इन्फ्लूएंजा भी कहा जाता है, एक संक्रामक वायरल बीमारी है जो मुख्य रूप से पक्षियों को प्रभावित करती है। यह इन्फ्लूएंजा वायरस के ए प्रकार के स्ट्रेन के कारण होता है। बर्ड फ्लू का वायरस मुख्य रूप से मुर्गियों, टर्की और अन्य पोल्ट्री पक्षियों में पाया जाता है, लेकिन यह जंगली पक्षियों में भी हो सकता है। इस बीमारी के कुछ स्ट्रेन बहुत घातक होते हैं और बड़े पैमाने पर पक्षियों की मौत का कारण बन सकते हैं।
बर्ड फ्लू कैसे फैलता है?
बर्ड फ्लू के वायरस का प्रसार मुख्य रूप से संक्रमित पक्षियों के माध्यम से होता है। जंगली पक्षी, जैसे बत्तख और गीज, फ्लू के वायरस को आसानी से फैलाते हैं, क्योंकि वे पानी में रहते हैं और उड़ते समय वायरस को हवा में फैलाते हैं। यह वायरस पक्षियों के मल, श्वास, और लार से भी फैल सकता है। संक्रमित पक्षियों से संपर्क करने वाले अन्य पक्षी या लोग भी इस वायरस के संपर्क में आ सकते हैं। कभी-कभी यह वायरस जानवरों जैसे कि सूअर, कुत्ते और बिल्लियों में भी फैल सकता है।
बर्ड फ्लू इंसानों को कैसे संक्रमित करता है?
बर्ड फ्लू इंसानों में बहुत कम मामलों में ही संक्रमण करता है। यह आमतौर पर संक्रमित पक्षियों या उनके मल के संपर्क में आने से फैलता है। सबसे पहले 1997 में हांगकांग में बर्ड फ्लू का मानव संक्रमण देखा गया था। हालांकि, इंसानों में बर्ड फ्लू के फैलने का खतरा बहुत कम होता है, और यह एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में नहीं फैलता।
इसके बाद, मार्च 2024 के अंत में एक और मानव संक्रमण का मामला सामने आया, जो इन्फ्लूएंजा ए (H5N1) वायरस के कारण था। यह संक्रमण तब हुआ जब एक व्यक्ति ने डेयरी मवेशियों के साथ संपर्क किया, जो संभवतः बर्ड फ्लू से संक्रमित थे। इस दौरान कुछ अन्य लोगों में भी बर्ड फ्लू संक्रमण पाया गया, लेकिन इन मामलों का स्रोत अज्ञात था।
भारत हो या वॉशिंगटन (अमेरिका) दोनों जगहों से बर्ड फ्लू के मामले सामने आया है। भारत के मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा जिले में तीन बिल्लियों में H5N1 वायरस पाया गया, जिनकी मौत हो गई। इन बिल्लियों में तेज बुखार, भूख न लगना और अत्यधिक सुस्ती जैसे लक्षण थे, और लक्षण दिखाई देने के 1 से 3 दिन के भीतर उनकी मौत हो गई।
वैज्ञानिकों ने वायरस को 2.3.2.1a लीनेज के रूप में पहचाना, जो भारत में पोल्ट्री से जुड़ा हुआ है। वही जहां दो पालतू बिल्लियां कच्चा भोजन खाने के बाद संक्रमित हो गईं। एक बिल्ली की गंभीर स्थिति के कारण मौत हो गई, जबकि दूसरी का इलाज किया जा रहा है।
लेकिन,डॉक्टरों का कहना है कि जो लोग संक्रमित जानवरों के आसपास रहते हैं या कच्चा पशु उत्पाद खरीदते और बेचते हैं, उनके संक्रमित होने का जोखिम अधिक होता है। इस बीच, वैज्ञानिक इस पर शोध कर रहे हैं और लोगों से आग्रह कर रहे हैं कि वे अपने पालतू जानवरों को कच्चा भोजन या दूध न पिलाएं, ताकि संक्रमण से बचा जा सके।
मनुष्य में संभावित लक्षण
- बुखार
- खांसी
- सांस में तकलीफ
- मांसपेशियों में दर्द
- आँख की लालिमा
- बहती या भरी हुई नाक
- सिर दर्द
- थकान
बर्ड फ्लू से बचाव के उपाय :
पक्षियों से संपर्क से बचें
संक्रमित पक्षियों से दूर रहें, खासकर अगर किसी क्षेत्र में बर्ड फ्लू का प्रकोप हो।
हैंड सैनिटाइजर का उपयोग करें
बर्ड फ्लू के वायरस से बचने के लिए हाथों को साबुन और पानी से अच्छे से धोएं, या हैंड सैनिटाइजर का उपयोग करें।
साफ सफाई रखें
बर्ड फ्लू के वायरस से बचाव के लिए बर्ड के बाड़े और उनके रहने की जगह को नियमित रूप से साफ करें।
पके हुए चिकन और अंडे खाएं
बर्ड फ्लू के वायरस से बचने के लिए चिकन और अंडे को अच्छी तरह से पकाएं, क्योंकि वायरस उच्च तापमान पर मर जाता है।
पोल्ट्री उत्पादों का सुरक्षित उपयोग
पोल्ट्री उत्पाद खरीदते वक्त सुनिश्चित करें कि वे सुरक्षित और प्रमाणित स्रोत से हों।
इम्यूनिटी बढ़ाएं
एक हेल्दी लाइफस्टाइल अपनाएं जिसमें बैलेंस डाइट, रेगुलर एक्सरसाइज, पर्याप्त नींद और मानसिक स्वास्थ्य का ध्यान रखा गया हो. यह आपके शरीर की इम्यूनिटी को मजबूत करेगा जिससे आप किसी भी वायरस या संक्रमण से बच सकेंगे।
बर्ड फ्लू को लेकर सबसे बड़ा प्रश्न है कि क्या आप चिकन और अंडे खा सकते हैं?
डब्ल्यूएच का कहना है कि चिकन और अंडे खाना सेफ है, लेकिन आपको इन्हें अच्छी तरह से पकाना होगा। आपको अंडे के व्हाइट और पीले भाग को पूरे तरह से पकाना चाहिए। इसके साथ ही अगर आप चिकन पका रहे हैं तो तापमान कम से कम 70 डिग्री होना चाहिए। यह वायरस अधिक हीट और कुकिंग टेंपरेचर पर खत्म हो जाता है। मानव में इसके प्रसार को रोकने के लिए लोगों को अच्छी तरह से पकाया हुआ भोजन करना चाहिए।
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के अनुसार, एवियन इन्फ्लूएंजा मुख्य रूप से पक्षियों को प्रभावित करता है लेकिन मनुष्यों में संक्रमण फैलना असामान्य है। यह संक्रमित पशुओं या दूषित सतहों के सीधे संपर्क में आने से फैल सकता है। यदि किसी भी प्रकार के बर्ड फ्लू के लक्षण दिखें, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।
इसे भी पढ़ें
रांची के इस इलाके में फैला बर्ड फ्लू, चिकन-अंडों की बिक्री बंद