ओडिशा से भटककर पहुंची थी बांकुरा
कोलकाता, एजेंसियां। ओडिशा के सिमिलिपाल बाघ अभ्यारण्य (एसटीआर) से भटक कर पश्चिम बंगाल के बांकुरा पहुंची बाघिन ‘जीनत‘ को आखिरकार 21 दिन की कड़ी मशक्कत के बाद रविवार को पकड़ लिया गया।
बाघिन ने ओडिशा, झारखंड और पश्चिम बंगाल के तीन राज्यों में 300 किलोमीटर से अधिक की यात्रा की थी। उसे बेहोश करने के लिए पशु चिकित्सकों ने कई प्रयास किए और अंततः डार्ट शॉट से शांत किया गया।
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने दी जानकारी
बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने ट्विटर के जरिए ‘जीनत’ के पकड़े जाने की जानकारी दी और एक वीडियो भी साझा किया। उन्होंने बताया कि, बाघिन को फिलहाल निगरानी में रखा जाएगा और कुछ समय बाद उसे वापस एसटीआर भेजा जाएगा।
जीनत की विचरण यात्रा और संघर्ष
यह बाघिन महाराष्ट्र के ताडोबा-अंधारी बाघ अभ्यारण्य (टीएटीआर) से एक महीने पहले ओडिशा के सिमिलिपाल बाघ अभयारण्य लायी गई थी, लेकिन उसे जंगल का माहौल रास नहीं आया।
इसके बाद वह पहले झारखंड और फिर पश्चिम बंगाल के बांकुरा पहुंची। जीनत ने 27 दिसंबर को बंगाल में प्रवेश किया और बाद में गोपालपुर और मनबाजार ब्लॉक के जंगलों में शरण ली।
पकड़ने में जानकारियों का महत्व और सुरक्षा
जीनत को पकड़ने के लिए वन्यजीव अधिकारियों ने दोहरे जाल के घेरे में उसे कैद करने की कोशिश की और धीरे-धीरे जाल को संकुचित किया।
पशु चिकित्सकों की निगरानी में रविवार को ऑपरेशन पूरा किया गया, और बाघिन को अब आराम दिया जा रहा है। अधिकारियों ने कहा कि बाघिन काफी उत्तेजित अवस्था में थी, जिससे उसे पूरी तरह से बेहोश करने में कठिनाई आई।
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