रांची : सोने का एक सिक्का और उसकी न्यूमिस्मैटिक्स मार्केट में वैल्यू पांच लाख रुपये। इनके साथ सोने के कई मोहरों, ब्रिटिश इंडिया के चांदी के सैकड़ों सिक्कों, पुराने नोटों, स्टांप पेपर और स्टांप के मालिक हैं डॉ पांडेय रविभूषण प्रसाद। इनका रेयर नोटों और सिक्कों का कलेक्शन देखकर सभी चौंक जाते हैं। पेशे से पैथोलॉजी के प्रोफेसर डॉ पांडेय रविभूषण प्रसाद रांची के नगराटोली में रहते हैं और बीते 57 सालों से नोटों, सिक्कों और स्टांप पेपर के साथ स्टांप, हुंडी और दुर्लभ डॉक्यूमेंट के संग्रह में लगे हुए हैं।
9 वीं कक्षा से कर रहे हैं संग्रह
डॉ पांडेय रविभूषण प्रसाद जब 9वीं कक्षा के छात्र थे तभी से उन्हें नोटों और सिक्कों के कलेक्शन का शौक चढ़ा। बाद में जब वे महात्मा गांधी मेडिकल कॉलेज जमशेदपुर में पैथोलॉजी के प्रोफेसर बने तो उनका ये शौक परवान चढ़ा और वे अपने वेतन का बड़ा हिस्सा अपने शौक में खर्च करने लगे। धीरे-धीरे उनके पास रेयर नोट्स, क्वाइंस और स्टांप का खजाना जमा हो गया।
सोने के दुर्लभ सिक्के हैं डॉ पांडेय रविभूषण के पास
डॉ पांडेय रविभूषण प्रसाद के कलेक्शन में मुगल सल्तनत और ब्रिटिश इंडिया के रेयर सोने के सिक्कों के साथ रॉयल मिंट लंदन की सोने की गिन्नी भी है। इनके पास मौजूद सोने के सिक्कों के कलेक्शन में वर्ष 1870 का महारानी विक्टोरिया का सोने का पांच रुपये का सिक्का, 1840 और 1862 की सोने की एक मोहर, मुगल सल्तनत की एक मोहर और रॉयल मिंट लंदन की वर्ष 2017 की सोने की गिन्नी भी है।
ब्रिटिश इंडिया के दुर्लभ नोट भी हैं कलेक्शन में
डॉ पांडेय रविभूषण के कलेक्शन में जार्ज पंचम का पांच रुपये का जेबी टेलर के सिग्नेचर का दुर्लभ नोट, ब्रिटिश इंडिया का जेडब्ल्यू केली के सिग्नेचर का एक रुपये का नोट, आजादी के बाद का केआरके मेनन के सिग्नेचर वाला एक रुपये का नोट, स्वतंत्र भारत का हाथी छाप 100 रुपये का नोट, एक हजार रुपये के डिमोनिटाइज्ड नोट और सैकड़ों ऐसे ही नोटों का संग्रह है।
प्रिंसली स्टेट के सैकड़ों स्टांप पेपर हैं कलेक्शन में
डॉ पांडेय रविभूषण के कलेक्शन में जयपुर, धार स्टेट, पाटियाला रियासत और ऐसे ही प्रिंसली स्टेट के स्टांप पेपर के कलेक्शन के साथ महारानी विक्टोरिया और जार्ज पंचर के भी स्टांप पेपर हैं। इनके पास आजाद भारत और ब्रिटिश इंडिया के सैकड़ों स्टांप पेपर भी हैं। इनके कलेक्शन में 100 रुपये के स्मारक और प्रूफ सिक्के भी हैं।
ब्रिटिश पीरियड का ड्राइविंग लाइसेंस और इंश्योरेंस पेपर भी
डॉ पांडेय रविभूषण के पास ब्रिटिश इंडिया का वर्ष 1936 का ड्राइविंग लाइसेंस है। यह लाइसेंस पुणे के फुरदौन जी पदुम जी नामक शख्स के लिए जारी किया गया था। यह ड्राइविंग लाइसेंस 2 सीटर रोवर कार के लिए था। इसके साथ ही उन्हें गाड़ी के लिए 16 गैलन पेट्रोल लेने का भी लाइसेंस दिया गया था। इसके साथ ही उनके पास ब्रिटिश इंडिया का इंश्योरेंस पेपर भी है।