वाशिंगटन, एजेंसियां। डोनाल्ड ट्रंप के दोबारा अमेरिका के राष्ट्रपति बनने के बाद उनकी सरकार ने इमिग्रेशन कानूनों को और सख्त करना शुरू कर दिया है। ट्रंप प्रशासन का दावा है कि यह कदम राष्ट्रीय सुरक्षा को मजबूत करने और बॉर्डर कंट्रोल को कड़ा करने के लिए उठाया गया है। हालांकि, इसका सीधा असर अमेरिका में रह रहे ग्रीन कार्ड धारकों और H-1B वीजा होल्डर्स पर पड़ रहा है। खासतौर पर जब वे किसी विदेशी यात्रा के बाद अमेरिका लौटते हैं, तो उन्हें पहले से ज्यादा पूछताछ और जांच का सामना करना पड़ रहा है।
भारतीय समुदाय ने जताई नाराजगी
न्यूयॉर्क के एक भारतीय मूल के वकील नरेश गेही ने इस मामले पर चिंता जताते हुए कहा कि ट्रंप प्रशासन अमेरिकी न्याय प्रणाली की अनदेखी कर रहा है और अप्रवासियों के साथ मनमानी कर रहा है। उन्होंने कहा कि कई भारतीय पेशेवरों ने शिकायत की है कि एयरपोर्ट्स और अन्य एंट्री पॉइंट्स पर उनसे जरूरत से ज्यादा सवाल पूछे जा रहे हैं, जिससे वे मानसिक तनाव में हैं।
वैध अप्रवासियों को भी कड़ी जांच का सामना
इमिग्रेशन वकीलों का कहना है कि अमेरिका में वैध अप्रवासियों को भी प्रवेश के दौरान कड़ी जांच से गुजरना पड़ रहा है। ट्रंप प्रशासन यह सुनिश्चित कर रहा है कि कोई भी इमिग्रेशन नियमों का उल्लंघन न करे। अमेरिकी होमलैंड सिक्योरिटी विभाग की असिस्टेंट सेक्रेटरी ट्रिसिया मैकलॉघलिन ने कहा कि जो कोई भी इन कानूनों का पालन नहीं करेगा, उसके खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी, जिसमें हिरासत में लेना और डिपोर्ट करना भी शामिल है।
उपराष्ट्रपति ने दिया कड़ा बयान
अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस ने इस मुद्दे पर अपनी स्पष्ट राय रखते हुए कहा कि ग्रीन कार्ड धारकों को यह नहीं सोचना चाहिए कि वे अनिश्चितकाल तक अमेरिका में रहने के हकदार हैं। उनका बयान इस ओर इशारा करता है कि ट्रंप प्रशासन इमिग्रेशन मामलों में किसी भी तरह की ढिलाई बरतने के मूड में नहीं है।
भारतीयों की बढ़ी चिंता
इन सख्त नियमों के चलते अमेरिका में रह रहे भारतीयों की चिंता बढ़ गई है। ग्रीन कार्ड होल्डर्स और वीजा धारक अब हर यात्रा से पहले संभावित मुश्किलों को लेकर सतर्क हो गए हैं। भारतीय समुदाय ट्रंप प्रशासन से इस मुद्दे पर नरमी बरतने की मांग कर रहा है, लेकिन फिलहाल सरकार अपने रुख पर कायम है।
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