Mecca-Medina accident:
रियाद, एजेंसियां। सऊदी अरब के मक्का-मदीना में बस हादसे में मारे गए 45 भारतीय नागरिकों के शवों को भारत नहीं लाया जा सकेगा, क्योंकि वहां के नियम तीर्थयात्रा के दौरान हुई मौत पर शव को स्थानीय रूप से दफनाने का प्रावधान करते हैं। उमरा पर जाने वाले हर यात्री को यात्रा से पहले एक डिक्लेरेशन फॉर्म पर हस्ताक्षर करना होता है, जिसमें स्पष्ट लिखा होता है कि यदि यात्रा के दौरान सऊदी की जमीन पर मृत्यु हो जाती है, तो शव को वहीं दफनाया जाएगा और उसे देश वापस नहीं भेजा जा सकता।
इस्लामी रीति-रिवाज:
हादसे में मारे गए सभी लोग उमरा यात्रा पर गए थे, इसलिए उनका अंतिम संस्कार सऊदी अरब में ही इस्लामी रीति-रिवाजों के अनुसार किया जाएगा। हालांकि, यदि कोई भारतीय व्यक्ति नौकरी या निजी काम से सऊदी में हो और उसकी मृत्यु हो जाए, तो परिवार की इच्छा के अनुसार शव भारत भेजा जा सकता है। मौत की स्थिति में हज मंत्रालय स्थानीय हज मिशन को सूचना देता है और बाद में डेथ सर्टिफिकेट व अन्य दस्तावेज हज दफ्तर के माध्यम से जारी किए जाते हैं।



