टोल प्लाजा बूथ एक टोल रोड पर एक काउंटर/बूथ है जहाँ चालक को आगे जाने के लिए टोल टैक्स का भुगतान करने के लिए रुकना पड़ता है। टोल रोड आमतौर पर राष्ट्रीय और राज्य राजमार्गों पर होते हैं जहाँ ये टोल बूथ स्थित होते हैं। एक पंक्ति में कई टोल बूथ एक टोल प्लाजा बनाते हैं। टोल प्लाजा पर टोल टैक्स की राशि केवल सभी चार पहिया वाहनों या बड़े वाहनों पर ही लगाई जाती है।
तो क्या अब हाईवे पर टोल नहीं चुकाना होगा?
केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि टोल कलेक्शन के मौजूदा सिस्टम की जगह सरकार एक नया सिस्टम शुरू करने जा रही है। उन्होंने कहा कि नया सिस्टम ज्यादा फायदेमंद है।
उन्होंने बुधवार को राज्यसभा में कहा कि सरकार टोल टैक्स को लेकर नई नीति लेकर आएगी। इसमें लोगों को कुछ छूट मिलेगी। साथ ही उन्होंने कहा कि सरकार सड़कों को बनाने में बहुत पैसा खर्च कर रही है।
इसलिए टोल टैक्स लेना जरूरी है। गडकरी ने कहा, ‘यह विभाग की नीति है कि जब आपको अच्छी सड़क चाहिए,तो आपको इसके लिए भुगतान करना होगा।’ इसका मतलब है कि अच्छी सड़कें बनाने के लिए टोल टैक्स देना होगा।
टोल बूथ कैसे काम करते हैं?
टोल बूथ टोल सड़कों से गुजरने वाले वाहनों से टोल शुल्क एकत्र करके काम करते हैं। इन टोल शुल्कों का उपयोग सड़क के बुनियादी ढांचे को बनाए रखने और सुधारने के लिए किया जाता है। जब कोई वाहन टोल बूथ के पास पहुंचता है, तो उसे या तो फास्टैग की जरूरत होती है या टोल शुल्क का भुगतान नकद में करना होता है।
यदि वाहन में फास्टैग है, तो वह बिना रुके फास्टैग लेन से गुजर सकता है, क्योंकि टोल राशि स्वचालित रूप से लिंक किए गए खाते से कट जाती है। टोल बूथ संचालक भुगतान के प्रमाण के रूप में रसीद प्रदान करता है। टोल बूथ आमतौर पर यातायात के सुचारू और कुशल प्रवाह को सुनिश्चित करने के लिए इलेक्ट्रॉनिक टोल संग्रह प्रणाली से लैस होते हैं।
यह प्रणाली कैसे काम करेगी?
- कैमरे से स्कैनिंग – टोल प्लाजा पर हाई-रिजॉल्यूशन कैमरे लगाए जाएंगे, जो आपके वाहन की नंबर प्लेट को स्कैन करेंगे।
- डेटाबेस से मिलान – आपका वाहन नंबर सरकारी डेटाबेस से जुड़ जाएगा, जिससे पता चल जाएगा कि यह वाहन किसके नाम पर पंजीकृत है।
- स्वचालित भुगतान – टोल राशि स्वचालित रूप से आपके बैंक खाते, मोबाइल वॉलेट या लिंक किए गए यूपीआई से काट ली जाएगी।
- तीव्र प्रवेश-निकास – आप बिना रुके आसानी से टोल पार कर सकेंगे।
- यूरोप और अमेरिका के कई देशों में यह प्रणाली पहले से ही लागू है और अब भारत भी इसे अपनाने जा रहा है।
नई टोल प्रणाली के लाभ
- बिना रुके यात्रा करें – अब टोल प्लाजा पर लंबी कतारों में खड़े होने की जरूरत नहीं होगी।
- धोखाधड़ी से सुरक्षा – कोई भी नकली या डुप्लिकेट फास्टैग का उपयोग नहीं कर सकेगा।
- सटीक भुगतान – आप जितनी अधिक यात्रा करेंगे, उतना अधिक टोल कटेगा, कोई अतिरिक्त शुल्क नहीं।
- कैशलेस एवं पेपरलेस प्रणाली- सब कुछ डिजिटल होगा, जिससे पारदर्शिता बनी रहेगी।
- प्रदूषण कम होगा- टोल पर रुकने से लगने वाला जाम और वाहनों के स्टार्ट-स्टॉप होने से होने वाला प्रदूषण कम होगा।
इस प्रणाली का उद्देश्य न केवल सड़क परिवहन को अधिक सुगम और सुरक्षित बनाना है, बल्कि यह सुनिश्चित करना भी है कि टोल कलेक्शन प्रणाली पारदर्शी, धोखाधड़ी-मुक्त और पर्यावरण के अनुकूल हो। यह कदम भारतीय परिवहन प्रणाली के डिजिटलीकरण की ओर एक महत्वपूर्ण कदम है।
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