वन्यजीवन (Wildlife) और पर्यावरण (Environment) एक-दूसरे के पूरक हैं। प्रकृति का संतुलन बनाए रखने में इन दोनों की भूमिका बेहद अहम है। यह कहना गलत नहीं होगा कि यदि वन्यजीवन संकट में है, तो पर्यावरण भी खतरे में होगा। जंगलों, जानवरों, पक्षियों, और प्राकृतिक संसाधनों से जुड़ा यह ताना-बाना हमारी जिंदगी का अभिन्न हिस्सा है।
वन्यजीवन और पर्यावरण का महत्व
पारिस्थितिकी तंत्र का संतुलन:
वन्यजीवन पारिस्थितिकी तंत्र (Ecosystem) को संतुलित रखता है। शेर, बाघ जैसे शिकारी जीव जंगली जानवरों की संख्या को नियंत्रित करते हैं, जबकि छोटे जानवर और पक्षी बीज फैलाने और मिट्टी को उपजाऊ बनाने में मदद करते हैं।
पर्यावरणीय सेवाएं:
पेड़-पौधे हवा को शुद्ध करते हैं, पानी को संरक्षित करते हैं, और मिट्टी के कटाव को रोकते हैं। साथ ही, जानवर और पक्षी जैव विविधता (Biodiversity) को बनाए रखने में योगदान करते हैं।
आर्थिक और सांस्कृतिक महत्व:
जंगलों और वन्यजीवन पर आधारित पर्यटन कई देशों की अर्थव्यवस्था को मजबूत करता है। वहीं, कई आदिवासी समुदायों की संस्कृति और जीवनशैली जंगलों और वन्यजीवन पर निर्भर करती है।
वन्यजीवन और पर्यावरण पर बढ़ते खतरे
वनों की कटाई: कृषि, शहरीकरण, और उद्योगों के विस्तार के लिए जंगलों की कटाई हो रही है।
इससे कई जानवरों का निवास स्थान खत्म हो रहा है।
शिकार और तस्करी: हाथी दांत, बाघ की खाल, और अन्य उत्पादों के लिए वन्यजीवों का अवैध शिकार किया जा रहा है। यह कई प्रजातियों को विलुप्ति की कगार पर पहुंचा रहा है।
प्रदूषण: रासायनिक कचरा, प्लास्टिक, और वायु प्रदूषण ने नदियों, जंगलों, और जमीन को दूषित कर दिया है।यह वन्यजीवों और पर्यावरण दोनों के लिए घातक है।
जलवायु परिवर्तन: ग्लोबल वार्मिंग और बदलते मौसम ने वन्यजीवन के प्राकृतिक आवासों को प्रभावित किया है। हिमालयी क्षेत्रों में पिघलते ग्लेशियर और घटते जल स्रोत इसका प्रमाण हैं।
मानव-वन्यजीव संघर्ष: मानव बस्तियों के जंगलों के करीब होने से जानवरों और इंसानों के बीच संघर्ष बढ़ा है। खेती और बस्तियों पर जंगली जानवरों के हमले आम हो गए हैं।
वन्यजीवन और पर्यावरण को बचाने के उपाय
वन संरक्षण:
- वनों की कटाई रोकने के लिए कड़े कानून लागू किए जाने चाहिए।
- वनों के पुनः निर्माण और वृक्षारोपण को प्राथमिकता दी जानी चाहिए।
राष्ट्रीय उद्यान और वन्यजीव अभयारण्य:
- संरक्षित क्षेत्रों की संख्या बढ़ाई जानी चाहिए।
- इनके प्रबंधन और सुरक्षा के लिए आधुनिक तकनीकों का उपयोग करना चाहिए।
जागरूकता कार्यक्रम:
- स्कूलों, कॉलेजों, और गांवों में वन्यजीवन और पर्यावरण संरक्षण के लिए जागरूकता अभियान चलाए जाने चाहिए।
- लोगों को वन्यजीवों की महत्वता समझाई जानी चाहिए।
अवैध शिकार पर रोक: शिकार और तस्करी रोकने के लिए सख्त कानून बनाए जाएं।
इन गतिविधियों की निगरानी के लिए ड्रोन और अन्य तकनीकों का इस्तेमाल किया जाए।
पुनर्वास कार्यक्रम: मानव-वन्यजीव संघर्ष को कम करने के लिए प्रभावित क्षेत्रों में पुनर्वास कार्यक्रम चलाए जाएं।
जंगली जानवरों को सुरक्षित क्षेत्रों में स्थानांतरित किया जाए।
नवीकरणीय ऊर्जा का उपयोग: कोयला और पेट्रोलियम पर निर्भरता कम करके सौर और पवन ऊर्जा को बढ़ावा देना चाहिए। यह पर्यावरण को स्वच्छ बनाए रखने में मदद करेगा।
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