रांची। झारखंड विधानसभा में विशेष सत्र के आखिरी दिन सदन के बाहर इस ठंड में भी गर्मी का अहसास हुआ। ये गर्मी किसी और वजह से नहीं, बल्कि झारखंड के नवनिर्वाचित लोकप्रिय विधायक टाइगर जयराम महतो की वजह से बढ़ी।
छात्र आंदोलन से राजनीति में आए झारखंड लोकतांत्रिक क्रांतिकारी मोर्चा के नवनिर्वाचित विधायक जयराम महतो का अंदाज विधानसभा सत्र के आखिरी दिन बदला और उखड़ा रहा। सदन में सरकार के मंईयां योजना का खिलाफत करने के बाद वो पत्रकारों के सवाल भड़क गये।
पत्रकारों के इस सवाल पर क्यों भड़के जयरामः
विधायकों को सरकारी सुविधा का त्याग करने की जयराम के सलाह पर जब उनसे पूछा गया कि क्या आप इसका त्याग करेंगे तो उन्होंने कहा कि बिल्कुल वह त्याग करेंगे, जयराम महतो जो कहता है वह करता है।
हमने डेढ़ साल पहले कहा था कि हमारी उपस्थिति सदन में होगी हमने करके दिखाया है। उन्होंने कहा कि यह सवाल पत्रकारों को सरकार से भी करना चाहिए, लेकिन लगता है कुछ पत्रकार भी सरकार से सेटिंग कर लेते हैं।
जब जयराम महतो से यह बोला गया कि कुछ इसी तरह की बात केजरीवाल भी बोला करते थे। इसी बात पर जयराम भड़क उठे और टेबल को ठोकते हुए पत्रकारों को उंगली दिखाकर कहने लगे कि झारखंड को आंदोलन करके लिया गया है, केजरीवाल दिल्ली को आंदोलन करके नहीं लिए थे। मैं आंदोलनकारी का बेटा हूं।
जिसके बाद मीडियाकर्मियों के साथ जयराम महतो का तू-तू मैं मैं शुरू हो गयी।बाद में स्थिति बिगड़ती देख जयराम महतो बगैर बात पूरी किए वहां से निकल गए।
मंईयां सम्मान योजना की आलोचना कीः
दरअसल, झारखंड विधानसभा परिसर में बने मीडिया गैलरी में पत्रकारों को संबोधित करते हुए जयराम महतो ने सरकार की मंईयां योजना की आलोचना की। उन्होंने कहा कि सरकार इस योजना की महिमा मंडन कर रही है, जैसे ढाई हजार की राशि नहीं महिलाओं को ढाई लाख की नौकरी दे दी गई हो।
उन्होंने इसे लेकर माननीय विधायकों को भी नहीं छोड़ा। उन्होंने कहा कि भारत या झारखंड की गरीबी का कारण ये माननीय हैं। अगर आम व्यक्ति लाचार है या बेबस है तो इसका कारण यह माननीय हैं।
उन्हें घर से रांची बस या ट्रेन में बैठकर आना चाहिए और उन्हें सारी सुविधा त्याग कर सरकारी स्टाफ की तरह क्वाटर में रहने और विधानसभा में बस के जरिए लाने की सलाह दे डाली।
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