चुनावी झटके के बाद गुटबाजी चरम पर
कोलकाता, एजेंसियां। BJP की ‘वन पर्सन-वन पोजीशन‘ पॉलिसी के तहत अब पश्चिम बंगाल में प्रदेश अध्यक्ष का पद खाली है।
दो साल बाद पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव है। लोकसभा चुनाव में लगे झटके के बाद पार्टी नेता एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगा रहे हैं।
राज्य में BJP के सबसे बड़े नेता सुवेंदु अधिकारी निशाने पर हैं। इस गुटबाजी को खत्म करना पार्टी के लिए बड़ी चुनौती है।
पश्चिम बंगाल में BJP का अगला अध्यक्ष कौन हो सकता है। अब तक तीन नाम सामने आए हैं। सबसे मजबूत दावेदार दिलीप घोष हैं। वे पुराने नेता होने के साथ ही RSS के करीबी हैं।
BJP विधानसभा चुनाव से पहले SC-ST वोट बैंक अपने पाले में करना चाहती है, इसलिए SC नेता जगन्नाथ सरकार या ST नेता ज्योतिर्मय सिंह महतो भी रेस में हैं।
सुवेंदु अधिकारी भी दावेदार हैं, लेकिन वे RSS की पसंद नहीं हैं। इसलिए उनका अध्यक्ष बनना मुश्किल है।
पार्टी में दो गुट
बीते बुधवार को कोलकाता के साल्ट लेक ऑफिस में BJP की टॉप लीडरशिप की मीटिंग हुई थी। इसमें सुकांत मजूमदार और सुवेंदु अधिकारी भी थे।
पार्टी के अगले प्रदेश अध्यक्ष पर बात हुई तो 2015 से 2021 तक अध्यक्ष रहे दिलीप घोष, रानाघाट से सांसद जगन्नाथ सरकार और पुरुलिया से सांसद ज्योतिर्मय सिंह महतो पर डिस्कशन हुआ।
इस पर पॉलिटिकल एक्सपर्ट प्रभाकर मणि तिवारी कहते हैं, ‘चुनाव का रिजल्ट आने के बाद से BJP में असंतोष का माहौल है।
पार्टी ने सुवेंदु अधिकारी पर बहुत भरोसा किया था, लेकिन ऐन वक्त पर RSS ने हाथ पीछे खींच लिए।’
BJP के एक नेता का कहना है कि आखिरी बार हाईकमान की मीटिंग हुई थी, तब उसमें कुछ अहम फैसले लिए गए थे।
दिलीप घोष और बिष्णुपर से सांसद सौमित्र खान पार्टी के खिलाफ बयान दे रहे थे, उन्हें ऐसा न करने के लिए कहा गया।
‘सुकांत मजूमदार के बाद अगला अध्यक्ष कौन बनेगा, इसका फैसला दिल्ली में बैठे लोग लेंगे। ये तय है कि इस बार भी अध्यक्ष RSS बैकग्राउंड से बनेगा।’
2021 की बढ़त के बाद से कमजोर हो रही BJP
पश्चिम बंगाल में हमेशा RSS से जुड़े रहे नेता ही BJP के प्रदेश अध्यक्ष बने हैं। 2015 में RSS प्रचारक रहे दिलीप घोष ने ये जिम्मेदारी संभाली थी।
उनकी लीडरशिप में ही BJP ने 2019 के लोकसभा चुनाव में 42 में से 18 सीटें जीती थीं। इनमें से 8 रिजर्व सीटें थीं।
2021 में हुए विधानसभा चुनाव में पार्टी की सीटें 3 से 77 हो गईं। इसे दिलीप घोष की कामयाबी बताया गया।
इसके बावजूद BJP ने 2021 में उन्हें हटाकर सुकांत मजूमदार को अध्यक्ष बना दिया। सुकांत मजूमदार भी RSS प्रचारक रहे हैं। दिलीप घोष को अध्यक्ष से उपाध्यक्ष बना दिया गया।
सुकांत और सुवेंदु की जोड़ी फेल
इसी साल BJP ने TMC के बड़े नेता सुवेंदु अधिकारी को अपनी तरफ कर लिया। सुकांत और सुवेंदु की जोड़ी कमाल नहीं दिखा पाई।
2021 के बाद BJP लगातार 8 उपचुनाव हारी है। इस बार लोकसभा चुनाव में सिर्फ 12 सीटें जीत पाई। 2019 में 22 सीटें जीतने वाली TMC 29 सीटें जीतकर और मजबूत हो गई।
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