रांची। आये दिन सुनने को मिलता है कि अमुक आदमी ने चांद पर जमीन खरीदी है। कभी सुपरस्टार अभिनेता शाहरूख खान तो कभी सुशांत सिंह राजपूत की चर्चा इसलिए होती है क उन्होंने चांद पर जमीन खरीदी है।
सुशांत सिंह राजपूत ने साल 2018 में चांद पर जमीन खरीदी थी। सुशांत ने भूमि इंटरनेशनल लूनर लैंड्स से खरीदी थी। उनकी यह जमीन चांद के ‘सी ऑफ मसकोवी’ में है। उन्होंने यह जमीन 25 जून 2018 को अपने नाम करवाई थी।
38 हजार में 5 एकड़ जमीन खरीदी
पिछले दिनों ओडिशा के ढेंकानाल के एक इंजीनियर साजन ने मात्र 38 हजार में चांद पर पांच एकड़ जमीन खरीदी है। अब सवाल यह उठता है कि चांद किसकी संपत्ति है और यह किसे विरासत में हासिल हुई है?
कॉमन हेरिटेज है चाद
दरअसल, पृथ्वी पर बसी दुनिया के अधिकांश देशों ने इसे कॉमन हेरिटेज का दर्जा प्रदान किया हुआ है। दरअसल, कॉमन हरिटेज शब्द का प्रयोग सार्वजनिक विरासत के रूप में किया जाता है। इसका मतलब है कि कोई भी इसका निजी इस्तेमाल के लिए प्रयोग नहीं कर सकता। कॉमन हेरिटेज पूरी मानवता के लिए होता है।
इंटरनेशनल लूनर लैंड्स रजिस्ट्री चर्चा में
अगर इसका कोई भी निजी इस्तेमाल नहीं कर सकता, तो फिर खरीद-बिक्री कैसे? इसकी मतलब स्पष्ट है कि इस खरीद-बिक्री की कोई आधिकारिक मान्यता होगी नहीं हो सकती।
अब बड़ा प्रश्न है कि आखिर चांद की जमीन कौन बेच रहा है? इसके कई जवाब मिलते हैं। इसमें सबसे बड़ा नाम इंटरनेशनल लूनर लैंड्स रजिस्ट्री नामक जमीन बेचने वाली वेबसाइट का है। इस वेबसाइट पर जाते ही आपको कई भाषाओं में ‘अंतर्राष्ट्रीय चंद्र भूमि क्षेत्र चांद में आपका स्वागत है। चंद्र रियल एस्टेट, चंद्रमा पर संपत्ति’ लिखा हुआ मिलेगा। अन्य जानकारी भी दी गई हैं।
अधिकृत होने का दावा करती है वेबसाइट
फिर सवाल यह भी है कि चांद अगर कॉमन हेरिटेज है, तो यह संपत्ति यह वेबसाइट पर कैसे बिक रही है। यह वेबसाइट दावा करती है कि कई देशों ने आउटर स्पेश में इसे जमीन बेचने के लिए अधिकृत किया है।
1967 में हुआ था आउटर स्पेश ट्रीटी समझौता
भारत समेत लगभग 110 देशों ने 10 अक्तूबर 1967 को एक समझौता किया था, जिसे आउटर स्पेश ट्रीटी के नाम से जाना जाता है। इसके मुताबिक आउटर स्पेश में चांद भी शामिल है, जो कॉमन हरिटेज है। मतलब साफ है कि इसका कोई भी निजी इस्तेमाल नहीं कर सकता। कॉमन हेरिजटे पूरी मानवता के लिए होता है।
भारत समेत 110 देशों ने किये हैं हस्ताक्षर
आउटर स्पेश ट्रीटी औपचारिक रूप से चंद्रमा और अन्य आकाशीय निकायों सहित बाहरी अंतरिक्ष की खोज और देशों की गतिविधियों को नियंत्रित करने वाली सिद्धांतों पर एक संधि है। 110 देशों ने ऐसी संधि कर रखी है, ऐसे में चांद पर जमीन की खरीब-बिक्री कितनी मान्य होगी, यह भी एक सवाल है।
भारत में गैर कानूनी
विधि वेत्ताओं के मुताबिक चांद पर जमीन खरीदना भारत में गैरकानूनी है, क्योंकि इसने आउटर स्पेश ट्रीटी में हस्ताक्षर किया है। ऐसी स्थिति में चांद पर जमीन खरीदना एक कागज के टुकड़े की कीमत देना मात्र ही है।