वोटिंग में खरसावां टाप पर और रांची फिसड्डी
रांची। झारखंड में पहले चरण की 43 विधानसभा सीटों के लिए वोट डाले जा चुके हैं। वर्ष 2019 की अपेक्षा 2024 के विधानसभा चुनाव में कई विधानसभा क्षेत्रों में रिकॉर्ड वोट हुए।
मतदान प्रतिशत में बढ़ोतरी के बाद राजनीतिक विश्लेषक अपने-अपने तरीके से एनडीए और इंडिया गठबंधन के सत्ता में काबिज होने का अनुमान लगा रहे हैं।
हालांकि यह तय हो गया है कि इस चरण में 43 सीटों में जिस गठबंधन को अधिक सीटें मिलेगी, उसी गठबंधन की सत्ता में वापसी होगी।
वर्ष 2019 के विधानसभा चुनाव के दौरान इन सीटों पर करीब 65 प्रतिशत मतदान हुआ था, लेकिन इस बार 66 प्रतिशत से अधिक मतदान हुआ है। ऐसे में कई विधानसभा क्षेत्रों में यह बढ़ा हुआ मतदान प्रतिशत उम्मीदवारों की हार-जीत में निर्णायक साबित होगा।
मंईयां सम्मान योजना’ और ‘गोगो दीदी योजना’ का असरः
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि मतदान प्रतिशत में बढ़ोतरी का एक प्रमुख कारण ‘मंईयां सम्मान योजना’’ और ‘गोगो दीदी योजना‘ हो सकता है।
यदि महिला मतदाता ‘मंईयां सम्मान योजना’ से प्रभावित हुईं हैं, तो इंडिया गठबंधन को फायदा मिलना तय है, वहीं ‘गोगो दीदी योजना’ का असर रहने से बीजेपी की सत्ता में वापसी संभव है।
शहरी की अपेक्षा ग्रामीण क्षेत्रों में अधिक मतदानः
इस बार बहरागोड़ा, खरसावां और घाटशिला समेत कोल्हान, उत्तरी छोटानागपुर, दक्षिणी छोटानागपुर और पलामू प्रमंडल के कई विधानसभा क्षेत्रों में मतदाताओं में खासा उत्साह देखा गया। हालांकि रांची और जमशेदपुर समेत अन्य शहरी क्षेत्रों में मतदान प्रतिशत अपेक्षाकृत कम रहा।
झारखंड के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी के. रवि कुमार के अनुसार शाम पांच बजे मतदान का समय समाप्त होने के बाद जो प्रारंभिक रिपोर्ट मिली है,
उसके अनुसार करीब 65 प्रतिशत मतदाताओं की ओर से अपने मताधिकार का प्रयोग किया गया। रात करीब सवा 11 बजे चुनाव आयोग की ओर से यह जानकारी दी गई कि पहले चरण में कुल 66.48 प्रतिशत मतदाताओं की ओर से अपने मताधिकार का प्रयोग किया गया।
चुनाव आयोग के अनुसार पहले चरण में सबसे अधिक खरसावां में 79.11 प्रतिशत, ईचागढ़ में 78.28,बहरागोड़ा में 78.28, घाटशिला में 78.2, तमाड़ में 74.05, लोहरदगा में 73.32, पोटका में 73.42, सरायकेला में 72.35, मांडर में 72.16, सिसई में 72.13, बिश्रामपुर में 70.87, मझगांव में 70.8, चाईबासा में 69.96 और जगन्नाथपुर में 69.84 प्रतिशत मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया।
इसी तरह से खूंटी में 69.77, लातेहार में 69.7, जुगसलाई में 69.12, सिमडेगा में 68.85, कोलेबिरा में 68.85, चक्रधरपुर में 68.61, गढ़वा में 68.59, भवनाथपुर में 68.26, बड़कागांव में 68.23, तोरपा में 67.07, मनिका में 67.07, सिमरिया में 66.80, गुमला में 65.68 और बरही में 65.66 प्रतिशत वोट डाले गए।
पांकी में 65.58, डालटनगंज में 65.22, मनोहरपुर में 64.03, बरकट्ठा में 63.91, बिश्रामपुर में 63.09, कांके में 62.65, चतरा में 62.17, कोडरमा में 62.15, छतरपुर में 60.91, हजारीबाग में 59.58, हुसैनाबाद में 58.41, हटिया में 58.5, जमशेदपुर पूर्वी में 56.99, जमशेदपुर पश्चिमी में 56.53 और रांची में 52.27 प्रतिशत मतदाताओं ने वोट डाले।
पहले चरण में आदिवासियों के लिए आरक्षित 20 सीटों पर मतदान
झारखंड में अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित 28 सीटों में से 20 सीटों पर बुधवार को संपन्न हो गया। पहले चरण में ही कोल्हान की सभी 14 सीटों पर वोट डाले गए। इसके अलावा अनुसूचित जाति की 9 में से छह सीटों पर भी वोट डाले गए।
बीजेपी के 36 और जेएमएम के 23 उम्मीदवार मैदान में
पहले चरण में सबसे अधिक 36 सीटों पर बीजेपी के प्रत्याशी चुनाव मैदान में थे। वहीं बीजेपी की सहयोगी आजसू पार्टी चार, जेडीयू दो और लोजपा-आर एक उम्मीदवार ने दमखम दिखाया। दूसरी इंडिया गठबंधन में जेएमएम 23, कांग्रेस 17 और पांच सीट पर आरजेडी उम्मीदवार मैदान में हैं।
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