नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने सरकारी कर्मचारियों के लिए बड़ा एलान करते हुए यूनिफाइड पेंशन स्कीम (यूपीएस) को मंजूरी दे दी है।
केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने शनिवार को इसकी जानकारी दी। इस स्कीम के तहत सरकारी कर्मचारियों को रिटायर होने के बाद सुनिश्चित पेंशन दी जाएगी।
क्या है एकीकृत पेंशन योजना ?
बता दें कि यूनिफाइड पेंशन स्कीम यानी एकीकृत पेंशन योजना सरकारी कर्मचारियों के लिए नई पेंशन योजना है।
इसके तहत कर्मचारियों को रिटायरमेंट के बाद सुनिश्चित पेंशन दी जाएगी। यह राशि रिटायरमेंट के पहले के 12 महीने के एवरेज बेसिक पे की 50% होगी।
कर्मचारी 25 साल की सेवा के बाद इस पेंशन को पाने के हकदार होंगे। वहीं अगर किसी पेंशनभोगी की मौत हो जाती है तो उसे उस वक्त तक मिलने वाली पेंशन का 60 फीसदी परिवार को मिलेगा।
इसके अलावा अगर कर्मचारी की सर्विस 25 साल से कम है और 10 साल से अधिक है तो पेंशन की राशि समानुपातिक आवंटन के आधार पर तय होगी।
महत्वपूर्ण पहलू यह है कि कर्मचारी का कार्य-वर्ष चाहे जितना भी हो, उनकी पेंशन की न्यूनतम राशि 10 हजार रुपये से कम नहीं होगी।
यूपीएस से कौन जुड़ सकता है?
अश्विनी वैष्णव ने बताया कि केंद्र सरकार के कर्मचारियों को नई पेंशन योजना (एनपीएस) में बने रहने या एकीकृत पेंशन योजना (यूपीएस) में शामिल होने का निर्णय लेने का अधिकार होगा।
साथ ही उन्होंने कहा कि यह उन सभी लोगों पर लागू होगा, जो 2004 के बाद से एनपीएस के तहत पहले ही सेवानिवृत्त हो चुके हैं।
हालांकि नई योजना 1 अप्रैल, 2025 से प्रभावी होगी, लेकिन एनपीएस की शुरुआत के समय से इसके तहत सेवानिवृत्त हुए सभी लोग और 31 मार्च, 2025 तक सेवानिवृत्त होने वाले लोग भी यूपीएस के इन सभी लाभों के लिए पात्र होंगे।
उन्होंने जो भी पैसा निकाला है, उसे समायोजित करने के बाद उन्हें पिछला बकाया मिल जाएगा।
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