रांची। चंपई सरकार में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है। मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर जहां कांग्रेस 12 के विधायक नाराज हैं, वहीं अब झारखंड मुक्ति मोर्चा के अंदर से भी बगावत के सुर उठने लगे हैं।
मंत्री पद से अंतिम समय में वंचित हुए विधायक बैद्यनाथ राम ने भी अपनी नाराजगी जाहिर कर दी है। उन्होंने यह भी कहा कि अपमान को बर्दाश्त नहीं करेंगे और जरूरत पड़ने पर अगला विधानसभा चुनाव एक स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में लड़ेंगे।
उन्होंने पार्टी को अल्टीमेटम दे दिया है कि उन्हें दो दिन में मंत्री बनाया जाये, नहीं तो वे कोई भी कदम उठाने के लिए स्वतंत्र होंगे।
बता दें कि शुक्रवार को राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन ने 8 विधायकों को मंत्री पद की शपथ दिलाई। इनमें JMM के 5 और कांग्रेस के 3 विधायक शामिल हैं।
आठ में से 6 मंत्री पहले भी हेमंत सोरेन की सरकार में मंत्री रह चुके हैं। कांग्रेस के तीनों मंत्री रामेश्वर उरांव, बन्ना गुप्ता, बादल पत्रलेख इनमें शामिल हैं। अंतिम समय में कांग्रेस विधायक बैद्यनाथ राम का नाम कट गया।
इधर, झामुमो विधायक सीता सोरेन ने भी अपने तेवर दिखा दिये हैं। उन्होंने शुक्रवार शाम ही कहा था कि बाबा ने बेटे को तरजीह दी, लेकिन बहू की अनदेखी कर दी।
उन्होंने यह भी कहा कि वह खुद के लिए कुछ नहीं चाहतीं, लेकिन उनकी दो बच्चियां हैं, उनका तो ख्याल रखना ही चाहिए।
कुल मिला कर देखा जाये, तो चंपई सरकार को अभी कई चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है। जो हालात बन रहे हैं, उसमें चंपई सोरेन के लिए कठिन वक्त आनेवाला है।
खास तौर पर ऐसे समय में जब विधानसभा का बजट सत्र शुरू होनेवाला हो।
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