एंटी बॅायोटेक दवाएं भी नहीं कर रहीं असर
रांची। झारखंड में एक बार फिर कोरोना से मिलता जुलता वायरल लोगों को जराने लगा है। इस वायरल फ्लू पर तो एंटी बॉयोटेक दवाएं भी असर नहीं कर रहीं।
इस फ्लू ने पिछले एक माह में पूरे देश को चपेट में लेना शुरू कर दिया है। भारत के कई हिस्सों में इन्फ्लूएंजा का मामाला तेजी से बढ़ रहा है। ICMR की रिपोर्ट के मुताबिक पिछले दो-तीन महीनों से इन्फ्लूएंजा वायरस का एक सब-टाइप एच3एन2 फैल रहा है। देश के कई हिस्सों में लोगों में इसी स्ट्रेन के लक्षण मिले हैं।
खांसी और बुखार हैं लक्षण
डॅाक्टर बताते हैं कि इस वैरिएंट की वजह से बड़ी संख्या में लोग अस्पतालों में ज्यादा भर्ती होते हैं। आईसीएमआर में महामारी विज्ञान की प्रमुख डॉ निवेदिता के मुताबिक 15 दिसंबर से अब तक 30 वीआरडीएलएस के डाटा ने इंफ्लूएंजा ए एच2एन2 के मामलों की संख्या में तेजी रिकॉर्ड की है। ICMR के मुताबिक अस्पताल में भर्ती ए3एन2 मरीजों में 92 फ़ीसदी मरीजों में बुखार, 86 फ़ीसदी मरीजों को खांसी, 27 फ़ीसदी को सांस फूलना, 16 फ़ीसदी को घबराहट की समस्या देखी गई। इसलिए खांसी और बुखार को लोग हल्के में न लें।
आईसीएमआर के मुताबिक वायरस से पीड़ित पेशेंट में से लगभग 10 फ़ीसदी रोगियों को ऑक्सीजन की जरूरत होती है और 7 फ़ीसदी को आईसीयू में देखभाल की जरूरत होती है।
लंबे समय तक रह सकती है खांसी
आईसीएमआर के मुताबिक इस वायरस की चपेट में आने वालों को हाई फीवर हो सकता है। ठंड और कपकपी हो सकती है। तेज बुखार आता है और लगातार खांसी बनी रह सकती है। ये खांसी आम नहीं है ये कई दिनों तक परेशान कर सकती है। इस में खराश से लेकर आवाज में खरखराहट हो सकती है। IMA के मुताबक इस समस्या से पीड़ित लोगों को एंटीबायटिक के ज्यादा इस्तेमाल से बचना चाहिए। आइएमए ने डॉक्टरों को इसके लिए एंटीबायोटिक लिखने से मना किया है।
बचाव के उपाय
नियमित रूप से हाथ धोयें
लोगों से हाथ मिलाने और जहां-तहां थूकने से बचें
आंख और नाक को छूने से बचें
खांसते समय मुंह और नाक को कवर करें
मास्क लगाकर ही घर से बाहर निकलें
प्रदूषण वाली जगहों पर जाने से बचें
तरल पदार्थों का ज्यादा से ज्यादा सेवन करें
बॉडी पेन या बुखार होने पर पेरासिटामोल लें