University teachers:
रांची। आरयू, डीएसपीएमयू समेत राज्य के अन्य विश्वविद्यालयों द्वारा असिस्टेंट प्रोफेसर पद पर प्रमोशन के लिए 18 माह पहले झारखंड लोक सेवा आयोग (जेपीएससी) का प्रमोशन प्रस्ताव भेजा था, जिसमें कैटेगरी-1 से कैटेगरी-2 में यानी 6000 ग्रेड पे से 7000 रुपए ग्रेड पे दिया जाना था। लेकिन, अब प्रमोशन देने की जगह 13 साल पुराना शिक्षकों के एकेडमिक और प्रशासनिक रिकॉर्ड मांगा गया है। इससे शिक्षक आक्रोशित हैं।
प्रमोशन देने की बजाय तुगलकी फरमान जारी कर रहा आयोगः
जुटान अध्यक्ष डॉ. जगदीश लोहरा, संयोजक डॉ कंजीव लोचन, डॉ समीरा सिन्हा ने कहा कि 17 साल पहले नियुक्त शिक्षकों को प्रमोशन देने की जगह जेपीएससी तुगलकी फरमान जारी कर रहा है। यह जेपीएससी की मनमानी नहीं तो और क्या है। 21 जुलाई तक प्रमोशन को लेकर जेपीएससी ठोस कार्यवाही नहीं करता है तो 23 से आक्रोश सभा महा आक्रोश सभा में तब्दील हो जाएगा।
डोरंडा कॉलेज में आयोजित आक्रोश सभा में शिक्षकों ने जेपीएससी के तुगलकी फरमान की भर्त्सना करते हुए कहा कि यह जले पर नमक छिड़कना जैसा है। राज्य स्तरीय आक्रोश सभा को सफल बनाने के लिए एक स्टीयरिंग कमिटी गठित की गई है, जिसमें डॉ अशोक नाग, डॉ गणेश बास्के, डॉ कंजीव लोचन और जगदीश लोहरा शामिल हैं। आक्रोश सभा में मुख्य रुप से डॉ नीतू सिंह, डॉ नैंसी तिर्की, डॉ सीमा प्रसाद, डॉ रणजीत चौधरी, डा स्मिता, डॉ लाडली, डॉ नैंसी तिर्की, डॉ जफर आगा, डॉ धीरेंद्र, डॉ मलय, डॉ मतियुर रहमान, डॉ गीता सिंह, डॉ आनंद, डॉ निमिषा, डॉ रोजलीना, डॉ विनीता रानी आदि शामिल थे।
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