पटना, एजेंसियां। बिहार के पश्चिमी चंपारण जिले के रामनगर क्षेत्र में स्थित वाल्मीकि टाइगर रिजर्व से एक बाघ भटकते हुए रिहायशी इलाके में पहुंच गया है।
बाघ ने जंगल से लगभग 8 किलोमीटर दूर वैकुंठपुर इलाके के एक गांव में घुसपैठ की। इस घटना के बाद पूरे इलाके में दहशत फैल गई है।
बाघ के पैरों के निशान गांव में पाए गए हैं, जिससे गांववासियों में भय का माहौल बन गया है।
वन विभाग ने तत्काल कार्रवाई की
बाघ के गांव में घुसने की जानकारी मिलते ही वन विभाग की टीम ने तुरंत कार्रवाई शुरू की। टीम पैरों के निशानों के आधार पर बाघ की तलाश कर रही है।
वन विभाग के अधिकारी मुकेश राम ने बताया कि बाघ की तलाश के लिए 2 विशेष टीमों का गठन किया गया है। अधिकारियों के अनुसार, बाघ रघिया वन क्षेत्र से होकर मसान नदी के रास्ते आ सकता है।
खेती-बाड़ी पर बाघ का प्रभाव
बाघ के गांव में पहुंचने से इलाके के लोग खासकर बैकुंठपुर क्षेत्र के किसान डर के कारण अपने खेतों में जाने से हिचकिचा रहे हैं।
इस डर के कारण खेती-बाड़ी का काम प्रभावित हो रहा है। लोग खेतों में काम नहीं कर पा रहे, जिससे कृषि कार्यों में बाधा उत्पन्न हो रही है।
ग्रामीणों में लगातार बढ़ रहा भय
ग्रामीणों का कहना है कि बाघ पिछले तीन दिनों से इलाके में घूम रहा है, जिससे किसानों में भय का माहौल बन गया है।
वन विभाग की टीम अब भी बाघ की तलाश में जुटी हुई है, लेकिन अभी तक बाघ के बारे में कोई खास जानकारी प्राप्त नहीं हो पाई है।
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