नई दिल्ली, एजेंसियां। इस वक्त भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कोच और क्रिकेटर अंशुमान गायकवाड़ ब्लड कैंसर जैसी गंभीर बीमारी से जूझ रहे हैं। 71 साल के इस दिग्गज क्रिकेटर का इलाज लंदन में चल रहा था और इसकी जानकारी मिलते ही बीसीसीआई की तरफ से मदद का ऐलान किया गया।
अंशुमान गायकवाड़ के इलाज के लिए बीसीसीआई की तरफ से 1 करोड़ रुपये की राशि तुरंत दिए जाने का फैसला लिया गया है।
भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के सचिव जय शाह की तरफ से इस बात की जानकारी मिलने के साथ ही तुरंत एक्शन लिया गया। शाह ने परिवारजनों से बात करके इस दिग्गज के तबीयत का हाल चाल जाना और मदद की घोषणा की।
शनिवार को भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान कपिल देव की तरफ से इस बात को साझा किया गया था कि उनके साथी अंशुमान गायकवाड़ कैंसर की बीमारी से जूझ रहे हैं। उन्होंने बताया कि उनके साथ खेल चुके इस बल्लेबाज को बेहद तकलीफ से गुजरना पड़ रहा है।
कपिल देव ने बीसीसीआई से मदद की गुहार लगाई थी। इस खबर के सामने आने के साथ ही बीसीसीआई सचिव ने अंशुमान गायकवाड़ को 1 करोड़ की मदद पहुंचाने की घोषणा की।
बीसीसीआई का यह फैसला पूर्व कप्तान कपिल देव और संदीप पाटिल की भावनात्मक अपील के बाद आया है, जिन्होंने बीसीसीआई से गायकवाड़ की मदद करने का आग्रह किया था।
बीसीसीआई की शीर्ष परिषद ने यहां जारी बयान में कहा, ‘‘(सचिव) जय शाह ने भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) को कैंसर से जूझ रहे पूर्व क्रिकेटर अंशुमन गायकवाड़ को वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिए तत्काल एक करोड़ रुपये जारी करने का निर्देश दिया है।’’
भारत के पूर्व कप्तान डीके गायकवाड़ के बेटे अंशुमन गायकवाड़ लंदन के किंग्स कॉलेज अस्पताल में रक्त कैंसर का इलाज करा रहे हैं।
बयान के अनुसार, ‘‘शाह ने गायकवाड़ के परिवार से भी बात की और स्थिति का जायजा लिया और सहायता प्रदान की। बोर्ड संकट की इस घड़ी में गायकवाड़ के परिवार के साथ है तथा गायकवाड़ के शीघ्र स्वस्थ होने के लिए जो भी आवश्यक होगा, वह करेगा। बीसीसीआई गायकवाड़ की प्रगति पर नजर रखेगा तथा उसे विश्वास है कि वह इस दौर से मजबूती से बाहर निकलेंगे।’’
कुछ दिन पहले ही अपने साथी अंशुमान गायकवाड के कैंसर की जानकारी देते हुए कपिल देव भावुक हो गए। उन्होंने कहा कि जिस खिलाड़ी ने मैदान पर खड़े होकर तेज रफ्तार वाली गेंद को सीने पर खाया है उसके लिए हमें अब खड़े होने की जरूरत है।
हम उनकी मदद करना चाहते हैं लेकिन पैसे कहां भेजें अगर कोई ट्रस्ट होता तो उसमें पैसे दिए जा सकते थे।
मुझे बीसीसीआई पर पूरा भरोसा है कि वो इस मुश्किल घड़ी में पूर्व क्रिकेटर की मदद जरूर करेगा। हम तो उनकी सहायता के लिए अपने पेंशन को भी दान में देने के लिए तैयार हैं।
इसे भी पढ़ें