Kanwar Yatra:
नई दिल्ली, एजेंसियां। सावन के महीने में शुरू होने वाली कांवड़ यात्रा को लेकर दिल्ली में सियासत तेज हो गई है। इस बीच दिल्ली नगर निगम (MCD) ने साफ कर दिया है कि दिल्ली नगर निगम अधिनियम, 1957 के तहत कांवड़ यात्रा रूट पर मांस की दुकानों को बंद करने का कोई कानूनी प्रावधान नहीं है। एमसीडी ने यह स्पष्टीकरण एक लिखित जवाब के ज़रिए अपनी मासिक बैठक में दिया, जो दिल्ली सरकार के मंत्री कपिल मिश्रा के बयान के ठीक एक दिन बाद आया है। मिश्रा ने कहा था कि कांवड़ यात्रा मार्गों पर मांस की दुकानें बंद रहेंगी।
Kanwar Yatra:एमसीडी ने बताया
एमसीडी ने बताया कि भले ही कोई बाध्यता नहीं है, लेकिन बीते वर्षों में अधिकतर दुकानें स्वेच्छा से बंद रखी जाती हैं। साथ ही, अवैध पशु वध और खुले में मांस बेचने वालों के खिलाफ विशेष अभियान चलाने के निर्देश दिए गए हैं। इसके अलावा, वैध दुकानों को यह सुनिश्चित करने के लिए कहा गया है कि वे अपनी दुकानें ढक कर रखें, जिससे किसी की धार्मिक भावनाएं आहत न हों।
Kanwar Yatra:दिल्ली के मेयर राजा इकबाल सिंह ने कहा
दिल्ली के मेयर राजा इकबाल सिंह ने कहा कि वैध दुकानदारों को केवल अनुरोध किया जाएगा, लेकिन बिना लाइसेंस वाले दुकानदारों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। साथ ही, यह भी बताया कि 25 स्थानों पर कांवड़ शिविर लगाए गए हैं, जिनमें स्वास्थ्य सुविधा के लिए 22 डॉक्टर, 10 ऑन-कॉल मेडिकल प्रोफेशनल्स और 62 सहायक स्टाफ को तैनात किया गया है।
Kanwar Yatra:मीट शॉप एसोसिएशन के सदस्य ने जताया आपत्ति
इधर, मीट शॉप एसोसिएशन के सदस्य विवेक कुमार ने इस फैसले पर आपत्ति जताते हुए कहा कि सरकार को व्यापार को त्योहारों से नहीं जोड़ना चाहिए। उन्होंने कहा कि “हम सभी धर्मों का सम्मान करते हैं, लेकिन कई परिवार इस व्यवसाय पर निर्भर हैं, ऐसे में दुकानें बंद करने का दबाव उचित नहीं है।”एमसीडी ने साफ किया कि फुटपाथ, शिविरों या गलियों में मांस बिक्री पर प्रतिबंध रहेगा और नियमों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
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