तनाव होगा कम, सेहत रहेगी तंदरुस्त
नई दिल्ली, एजेंसियां। हमारा जीवन व्यस्तताओं से भरा है। घर के कामों से लेकर ऑफिस में आठ-नौ घंटे वक्त बिताने में पूरा दिन कब निकल जाता है, पता ही नहीं चलता।
घर में परिवार के साथ, ऑफिस में एम्प्लॉइज के साथ और बाहर दोस्तों के साथ तो हम वक्त बिता लेते हैं।
लेकिन क्या आपने कभी गौर किया है कि पूरे दिन में आप प्रकृति के साथ कितना समय व्यतीत करते हैं।
जरा सोचिए, शायद दस मिनट भी नहीं क्योंकि कई लोग इसे जरूरी नहीं समझते, पर जिन्हें इसका महत्व पता है, वे ऐसा सुनहरा मौका कभी गंवाते नहीं।
प्रकृति के साथ वक्त गुजारने का मतलब है पर्यावरण के ज्यादा नजदीक रहना। यह अपने जीवन से कुछ वक्त और चुरा लेने जैसा है। नेचर लवर यह बात बखूबी जानते हैं।
मनुष्य और प्रकृति के संबंधों पर कई स्टडीज की गई हैं। इसमें पता चला है कि प्रकृति के साथ समय बिताने से व्यक्ति को सिर्फ शारीरिक या मानसिक स्वास्थ्य ही नहीं, बल्कि सामाजिक स्वास्थ्य का भी लाभ हो सकता है।
एक रिसर्च कहती है कि प्रकृति में समय बिताने से न केवल स्वास्थ्य अच्छा रहता है बल्कि मानसिक शांति भी मिलती है।
लेकिन कितने दुख की बात है कि जिस प्रकृति और पर्यावरण से हमारा जीवन है, उसे हमने ही इतना नुकसान पहुंचाया है।
पूरी दुनिया में हर साल 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस मनाया जाता है। आज हम बात करेंगे पर्यावरण और प्रकृति के साथ कुछ वक्त बिताने से होने वाले फायदों की।
प्रकृति के साथ कैसे जुड़ेः
हम जो भी कुछ सीखते हैं, वो प्रकृति से जुड़ा है। सुबह के समय सूरज के साथ उठना, रात के समय सोना, वक्त-वक्त पर खाना, यह सब प्रकृति के नियमों से ही तो जुड़ा हुआ है।
लेकिन आज के वक्त में मनुष्य के पास खुद के लिए समय नहीं है, तो प्रकृति के साथ रहना उसके लिए मुश्किल हो सकता है।
प्रकृति आत्म सुख देती है, मगर मनुष्य की कभी न खत्म होने वाली इच्छाओं की पूर्ति नहीं कर पाती है।
मनुष्य न चाहते हुए भी उससे दूर जा रहा है। साल-दो साल में वह मन की शांति के लिए कुछ दिनों के लिए बाहर घूम आता है।
यही उसकी प्रकृति का संग पाने की खानापूर्ति होती है।
प्रकृति को बनाएं अपना दोस्तः
इस डिजिटल दुनिया में हमारा ज्यादातर वक्त एसी वाले बंद कमरों में, मोबाइल-लैपटॉप पर ही निकल जाता है क्योंकि हम इसे ही कम्फर्ट और खुशी समझते हैं।
लेकिन दिन में कम-से-कम एक बार खुद को मोबाइल से अनप्लग कर बाहर वक्त बिताना जरूरी है। अपनों के अलावा आप प्रकृति से दोस्ती करें।
ऐसा करने से आप उस अनुभव को महसूस करेंगे, जो आपने पहले कभी नहीं किया होगा।
कुछ लोग सुबह सूर्योदय से पहले उठना पसंद करते हैं, तो कुछ लोग सुबह की चाय खिड़की के पास, बालकनी में या गार्डन में सुंदर नजारे को देखते हुए पीना पसंद करते हैं।
ऐसा इसलिए ताकि नेचर की खूबसूरती को महसूस कर सकें। हालांकि,इसके अलावा भी इसके कई फायदे हैं।
प्रकृति में हरे-भरे पेड़ों के बीच वक्त बिताने से अच्छी ऑक्सीजन मिलती है, जो हमें बंद कमरों में एसी में रहने से नहीं मिल पाती।
यह हमारे लंग्स के लिए काफी फायदेमंद है। साथ ही नेचर में खुली जगह योग करने से भी हमें लाभ मिलता है।
शाम के वक्त या डिनर करने के बाद अगर आप कुछ वक्त बाहर या छत पर टहलेंगे तो आपको नींद बहुत अच्छी आएगी।
तनाव को कम करने में ये किसी मिरेकल की तरह काम कर सकता है क्योंकि प्रकृति में समय बिताने पर हमारे बेचैन मन को शांति मिलती है।
मिशिगन विश्वविद्यालय द्वारा किए गए अध्ययन में पाया गया कि प्रकृति के बीच समय बिताना व्यक्ति की शॉर्ट टर्म मेमोरी में सुधार करता है।
प्रकृति के साथ बाहर समय व्यतीत करने के तरीकेः
प्राकृतिक वातावरण में समय का आनंद लेने के कई तरीके हैं। जरूरी नहीं है कि घंटों तक बाहर वक्त बिताना ही प्रकृति से जुड़ना है।
15 मिनट भी अगर आप सुबह या शाम के वक्त बाहर टहलेंगे या पार्क में बैठेंगे तो वो भी आपको प्रकृति के करीब ले जाएगा। इसके साथ ही कई और तरीके हैं।
पर्यावरण के लिए हमारा योगदान, लाएगा सकारात्मक बदलावः
हमारे लिए प्रकृति एक ऐसा तोहफा है, जो हमें कई लाभ देती है। प्रकृति हमेशा मनुष्य को देती ही रही है।
प्रकृति जल, वायु, मिट्टी, पेड़-पौधे, पशु-पक्षी, तालाब-नदियां, झरने, समुद्र, जंगल, पहाड़, खनिज और न जाने कितने ही तरह-तरह के प्राकृतिक संसाधनों से इसने हमारा जीवन समृद्ध किया है।
हमें सांस लेने के लिए शुद्ध हवा, पीने के लिए पानी, खाने के लिए फल-अनाज सब प्रकृति से ही तो मिले हैं।
ये सब तो प्रकृति ने हमें दिया है तो हमारा भी दायित्व बनता है कि हम भी प्रकृति को कुछ दे सकें।
प्लास्टिक को कहें नाः
प्लास्टिक पर्यावरण के लिए नुकसानदायक है और इसे रिसाइकल भी नहीं किया जा सकता है। ऐसी चीजें खरीदें, जिसे रिसाइकल कर वापस उपयोग किया जा सके।
बाहर सड़कों पर, नालो में, नदियों में कचरा न बहाएं।
प्रदूषण कम करने में योगदान दें। गाड़ियों का कम-से-कम इस्तेमाल करें।
ज्यादा-से-ज्यादा पैदल चलें।
हर साल एक पौधा लगाने का प्रण लें। वैसे ये आप अपने जन्मदिन के मौके पर भी कर सकते हैं।
चिड़ियों के लिए अपने घर की बालकनी में दाना-पानी रखें।
तो प्रकृति के महत्व को जानने के बाद आप अपने दिन का कुछ वक्त प्रकृति के बीच जरूर बिताएं।
अपने साथ-साथ पर्यावरण का भी खास ख्याल रखें। तभी ये आपका भी ख्याल रख पाएगा।
इसे भी पढ़ें
नेचर लवर्स के लिए है एग्रीकल्चर के कोर्सेज में अपार संभावनाएं