दालें आहार का अहम हिस्सा है। हेल्थ एक्सपर्ट्स भी स्वस्थ रहने के लिए दाल का सेवन करने की सलाह देते हैं। [मसूर दाल खाने के फायदे]
देश में दाल की कई किस्में पायी जाती हैं। उनमें से एक मसूर की दाल पोषक तत्वों से भरपूर होती है।
खासतौर पर साबुत मसूर दाल का सेवन करने से शरीर को कई अद्भुत लाभ मिलते हैं।
मसूर की दाल में पायें जाने वाले पोषक तत्व
साबुत मसूर की दाल में विटामिन बी, विटामिन सी, विटामिन बी 6, विटामिन बी 2, प्रोटीन, कैल्शियम, आयरन, फाइबर, कार्बोहाइड्रेट और मिनरल जैसे पोषक तत्व पाए जाते हैं।
साबुत मसूर दाल का नियमित रूप से सेवन करने से स्वास्थ्य संबंधी कई समस्याओं को दूर किया जा सकता है।
पाचन संबंधी समस्याओं से लेकर डायबिटीज तक में साबुत मसूर दाल का सेवन फायदेमंद माना जाता है।
साबुत मसूर की दाल प्रोटीन से भरपूर होती है। एक कप साबुत मसूर दाल में लगभग 19 ग्राम प्रोटीन होता है।
मसूर दाल के फायदे
साबुत मसूर दाल का सेवन करने से आपके शरीर को भरपूर रूप से प्रोटीन प्राप्त होता है। इससे मांसपेशियों के विकास और स्वस्थ रखने में मदद मिलती है।
यह शरीर को एनर्जी प्रदान करने के लिए भी फायदेमंद मानी जाती है। साबुत मसूर की दाल शारीरिक कमजोरी के साथ-साथ खून की कमी दूर करने में भी बहुत फायदेमंद मानी जाती है।
डायबिटीज में साबुत मसूर दाल का सेवन फायदेमंद हो सकता है। दरअसल, मसूर दाल में फ्लेवोनोइड और फाइबर जैसे तत्व मौजूद होते हैं, जो ब्लड शुगर को बढ़ने से रोक सकते हैं।
इसके अलावा, मसूर दाल में कॉम्प्लेक्स कार्बोहाइड्रेट पाए जाते हैं, जो खून में धीरे-धीरे रिलीज होते हैं।
इससे ब्लड ग्लूकोज लेवल में अचानक से बदलाव नहीं होता है। इससे डायबिटीज की समस्या में राहत मिल सकती है।
साबुत मसूर की दाल का सेवन करने से खराब कोलेस्ट्रॉल को कम करने में मदद मिल सकती है।
दरअसल, साबुत मसूर दाल में फाइबर और मैग्नीशियम जैसे तत्व मौजूद होते हैं, जो बैड कोलेस्ट्रॉल को कम करने में फायदेमंद माने जाते हैं।
इससे हार्ट अटैक और दिल की बीमारियों का खतरा भी कम होता है। पाचन को स्वस्थ रखने के लिए साबुत मसूर दाल फायदेमंद होती है।
दरअसल, इसमें फाइबर काफी अच्छी मात्रा में मौजूद होता है, जो पाचन तंत्र को मजबूत बनता है। साबुत मसूर दाल का सेवन करने से मल त्यागना आसान हो जाता है।
इससे कब्ज की समस्या से राहत मिल सकती है। साबुत मसूर की दाल का सेवन करने से हड्डियां मजबूत बनती हैं।
दरअसल, मसूर की दाल में कैल्शियम और मैग्नीशियम काफी मात्रा में मौजूद होता है, जो हड्डियों को मजबूत बनाने के लिए फायदेमंद माना जाता है।
साबुत मसूर की दाल का सेवन करने से हड्डियों के विकास में बढ़ावा मिलता है। साबुत मसूर दाल स्वास्थ्य के लिए काफी फायदेमंद होती है।
लेकिन ध्यान रखें कि इसका सेवन सीमित मात्रा में ही करें। अगर आपको कोई गंभीर बीमारी या समस्या है, तो डॉक्टर की सलाह के बाद ही इसे अपनी डाइट में शामिल करें। तो ये थे मसूर दाल के फायदे।
अब हम इसके इतिहास पर बात करते हैं। पूरी दुनिया में जितनी भी प्रकार की दालें पाई जाती हैं, उनमें मसूर की दाल की उत्पत्ति बेहद पुरानी मानी जाती है।
भारत के प्राचीन आयुर्वेदिक ग्रंथों में इसका वर्णन है, लेकिन उनसे पहले भी दुनिया की हिस्ट्री में इस दाल का जिक्र मिलता है।
एक अमेरिकी रिसर्च मानती है कि यह दाल करीब 12,000 वर्ष पूर्व फर्टाइल क्रेसेंट रीजन (मध्य-पूर्व क्षेत्र) में सबसे पहले पैदा उसके बाद फिर 5000 और 4000 ईसा पूर्व के बीच इसकी खेती ईस्ट में जॉर्जिया चली गई और अंत में 2000 ईसा पूर्व के आसपास भारतीय क्षेत्र में पहुंच गई।
पुरातात्विक साक्ष्य बताते हैं कि भारतीयों ने शुरुआती हड़प्पा काल से मसूर की दाल को अपना लिया था।
भारत के आयुर्वेदिक ग्रंथ ‘चरकसंहिता’ में इस दाल (मसूराश्च) की जानकारी है और इसे शीतल, मधुर और रूखापन पैदा करने वाली कहा गया है।
ग्रंथ के अनुसार पित्त-कफ दोष में इसका सूप लाभकारी है. आज यह दाल पूरी दुनिया में खाई जाती है।
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