Tejas gets wings to fly:
नई दिल्ली, एजेंसियां। भारतीय वायुसेना के स्वदेशी लड़ाकू विमान LCA Tejas MK-1A प्रोजेक्ट को बड़ी ताकत मिली है। अमेरिका से हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) को दूसरा GE-404-IN20 टर्बोफैन इंजन मिल गया है। रक्षा अधिकारियों के मुताबिक, इस साल के अंत तक 12 और इंजन भारत पहुंचने की उम्मीद है। इससे न सिर्फ वायुसेना की मारक क्षमता बढ़ेगी, बल्कि देश के रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता का सपना और मजबूत होगा।
क्या है GE-404-IN20 इंजन?
यह General Electric (GE) द्वारा निर्मित एक हाई-थ्रस्ट, आफ्टरबर्निंग टर्बोफैन इंजन है, जो विशेष रूप से भारत के Tejas Mk1A के लिए डिजाइन किया गया है। इसकी खास बातें:
थ्रस्ट क्षमता: आफ्टरबर्नर के साथ लगभग 84 किलो न्यूटन (kN)
अधिकतम गति: विमान को मैक 1.6 तक की रफ्तार देने में सक्षम
FADEC सिस्टम: डिजिटल इंजन नियंत्रण तकनीक से सटीक परफॉर्मेंस
बेहतर कूलिंग सिस्टम: उच्च तापमान पर भी इंजन स्थिरता बनाए रखता है
सिंगल-क्रिस्टल टर्बाइन ब्लेड: इंजन की दक्षता और आयु बढ़ाता है
🇮🇳 भारतीय वायुसेना का आत्मनिर्भरता की ओर कदम
भारतीय वायुसेना ने HAL को 83 LCA MK-1A फाइटर जेट्स के लिए कुल 99 GE-404 इंजनों का ऑर्डर दिया है। अब तक दो इंजन भारत आ चुके हैं और बाकी डिलीवरी वित्त वर्ष 2025-26 के अंत तक पूरी होने की उम्मीद है। यह प्रोजेक्ट भारतीय वायुसेना की रणनीतिक शक्ति और स्वदेशी रक्षा निर्माण को नया आयाम देगा।
क्यों अहम है ये डील?
भारत की रक्षा तैयारियों को आधुनिक बनाएगा
आयात पर निर्भरता घटेगी, मेक इन इंडिया को बढ़ावा
HAL और IAF का साझा प्रयास रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की मिसाल बनेगा
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