रांची। सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार द्वारा दाखिल एक अपील को खारिज करते हुए एक लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। शीर्ष अदालत ने अपने आदेश में कहा है कि अपील दाखिल करने वाले अधिकारी की पहचान कर जुर्माने की राशि उस अधिकारी से वसूली जाये।
यह आदेश सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस के वी विश्वनाथन की बेंच ने दिया है।
कोर्ट ने कहा है कि जुर्माने की राशि में से 50 हजार सुप्रीम कोर्ट एडवोकेट ऑन रिकॉर्ड एसोसिएशन के खाते में और बाकि के 50 हजार सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन वेलफेयर फंड में जमा किये जाये।
इस तरह के मामलों में अपील दाखिल करने पर जताई नाराजगीः
दरअसल झारखंड हाईकोर्ट ने रिटायरमेंट बेनिफिट की मांग को लेकर दाखिल रविंद्र गोप की याचिका पर पिछले वर्ष फैसला सुनाते हुए यह निर्देश दिया था कि रविंद्र गोप को रिटायरमेंट बेनिफिट दिया जाये।
हाईकोर्ट की एकल पीठ के इस आदेश के खिलाफ राज्य सरकार ने अपील दाखिल की थी। लेकिन जस्टिस एस चंद्रशेखर और जस्टिस अनुभा रावत चौधरी की डबल बेंच ने राज्य सरकार की अपील को खारिज करते हुए एकल पीठ के आदेश को बरकरार रखा था, जिसके खिलाफ सरकार ने शीर्ष अदालत का दरवाजा खटखटया था।
लेकिन शीर्ष अदालत ने भी सरकार की याचिका खारिज कर दी। शीर्ष अदालत ने इस तरह के मामलों में शीर्ष अदालत में अपील दाखिल किये जाने पर नाराजगी भी जाहिर की है।
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