नई दिल्ली,एजेंसियां। देश में प्रतिबंधित आतंकवादी समूह PFI यानी पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका लगा है। सुप्रीम कोर्ट ने पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया से जुड़े 8 लोगों की जमानत रद्द कर दी है।
सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस बेला एम त्रिवेदी की वेकेशन बेंच ने मद्रास हाईकोर्ट के जमानत देने के आदेश को रद्द किया है।
कोर्ट ने कहा कि PFI के इन सदस्यों पर देश के खिलाफ षड्यंत्र रचने और आतंकी गतिविधियों में शामिल होने के आरोप है।
जमानत पर इनकी रिहाई रद्द करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अपराध की गंभीरता और अधिकतम सजा के तहत जेल में बिताए गए सिर्फ 1.5 साल को ध्यान में रखते हुए हम जमानत देने के मद्रास हाईकोर्ट के आदेश में दखल दे रहे हैं।
दरअसल, NIA ने जमानत देने के मद्रास हाईकोर्ट के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी।
सुप्रीम कोर्ट ने NIA की अपील स्वीकार करते हुए कहा कि NIA ने जो कोर्ट के सामने सामग्री रखी है, उसके आधार पर प्रथम दृष्टया मामला बनता है।
इसके साथ कहा कि इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता कि राष्ट्रीय सुरक्षा हमेशा सर्वोपरि है।
इन आठ सदस्यों के नाम हैं- बाराकतुल्लाह, अहमद इदरीस, खालीद मोहम्मद, सईद इश्हाक, ख्वाजा मौहेउद्दीन, यासिर आराफात, फयाज अहमद और मोहम्मद अब्बुताहिर।
जानकारी के लिए आपको बताते चलें कि केंद्र सरकार ने सितंबर 2022 में पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया पर पांच साल का बैन लगा दिया था।
केंद्र सरकार ने PFI के अलावा 8 और संगठनों को देश की सुरक्षा के लिए खतरा बताते हुए बैन कर दिया था।
दरअसल NIA, ED और राज्यों की पुलिस ने सितंबर 2022 में सात राज्यों में छापेमारी में PFI से जुड़े करीब 200 से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार और हिरासत में लिया था।
एजेंसियों को PFI के खिलाफ पर्याप्त सबूत मिले। इसके बाद संगठनों को बैन कर दिया गया था।
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