ईडी को रेड के दौरान कैश के साथ मिली सैकड़ों पर्चियां
रांची। मंत्री आलमगीर आलम के पीएस संजीव लाल के नौकर जहांगीर आलम के घर छापेमारी के दौरान रुपयों के बंडलों के साथ सैकड़ों पर्चियां भी मिलीं हैं।
ईडी के लिए ये पर्चियां किसी बम से कम नहीं हैं। इन पर्चियों पर रकम देने वाले का नाम और उद्देश्य लिखा है।
साथ ही इन पर कमीशन की रकम, ट्रांसफर-पोस्टिंग या टेंडर के मामले में वसूली गयी राशि का जिक्र है।
कुछ पर्चियों पर टेंडर में हिस्सेदारों का नाम और प्रतिशत भी लिखा है। नोटों के बंडलों में इडी को कुछ पर्चियां ऐसी भी मिली हैं, जिसमें सचिव स्तर के अधिकारियों के नाम एवं हिस्सेदारी का उल्लेख किया गया है।
नोटों के बंडलों के साथ मिली पर्चियों के आधार पर इडी आगे की जांच में जुट गयी है। दरअसल, दूसरे दिन यानी सात मई को हुई छापामारी इन्हीं पर्चियों में मिली सूचनाओं के आधार पर की गयी थी।
दूसरे दिन की छापेमारी में भी इडी को अहम दस्तावेज मिले हैं। इसमें योजनाओं के साथ भुगतान की स्थिति का भी ब्योरा दर्ज है।
जहांगीर के घर से जब्त नोटों के बंडलों में कुछ पर्चियां ऐसी भी मिली हैं, जिसमें उस खास योजना में जेइ, एइ, इइ, अधीक्षण अभियंता को दी जा चुकी हिस्सेदारी का उल्लेख किया गया है।
इसके अलावा विभाग के कुछ उप सचिवों के साथ ही सचिव स्तर के अधिकारियों के नाम के साथ कमीशन में हिस्सेदारी का ब्योरा भी दर्ज है।
इन पर्चियों में दर्ज ब्योरे पूर्व चीफ इंजीनियर बीरेंद्र राम द्वारा गिरफ्तारी के बाद दिये गये बयान को सपोर्ट करते हैं।
बीरेंद्र राम ने भी विकास योजनाओं में प्रचलित कमीशन दर और हिस्सेदारों का नाम बताया था।
बीरेंद्र राम ने कमीशनखोरी के बारे में जिन अधिकारियों का नाम लिया था उसमें से एक नाम ग्रामीण विकास मंत्री के आप्त सचिव संजीव लाल का भी था।
इडी ने संजीव लाल की पत्नी से उनके नाम पर खरीदी गयी संपत्ति और जहांगीर आलम के घर से बरामद रुपये के सिलसिले में पूछताछ की है।
हालांकि, उन्होंने इन मामलों में अपनी अनभिज्ञता जतायी है। छापेमारी के दौरान संजीव लाल की पत्नी के नाम पर जमीन खरीदे जाने से संबंधित दस्तावेज मिले थे।
इडी ने इन संपत्तियों के आर्थिक स्रोतों के सिलसिले में पूछताछ की।
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