रांची : आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के आगमन से जिस प्रकार दुनिया भर में व्यापक बदलाव आ रहा है, उससे पत्रकारिता जगत छूटा नहीं है।
चाहे कंटेंट राइटिंग हो या एंकरिंग, या फिर वॉयस ओवर, हर फिल्ड में एआई का इस्तेमाल होना शुरू हो चुका है।
बदलते दौर के पत्रकारिता में इस नायाब प्रयोग को पत्रकारिता के छात्रों तक पहुंचाने के लिए शुक्रवार को आईडीटीवी की टीम रांची विश्वविद्यालय के जन संचार विभाग पहुंची।
जहां आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को लेकर एक सेमिनार का आयोजन किया गया। इस सेमिनार में रांची विश्वविद्यालय के पत्रकारिता एवं जन संचार विभाग के डायरेक्टर डॉ बीपी सिन्हा, आईडीटीवी के प्रधान संपादक शंभु नाथ चौधरी मौजूद थे।
डॉ बीपी सिंन्हा ने एआई को जन संचार के छात्रों के लिए मददगार बताया तो वहीं शंभु नाथ चौधरी ने कहा कि आने वाले समय में एआई का पत्रकारिता जगत में बड़ा अहम रोल होगा।
सेमिनार की प्रस्तुति आईडीटीवी के एआई कंसल्टेन्ट और आईटी एक्सपर्ट मनीत सिन्हा ने की।
मनीत ने छात्रों को जन संचार में एआई के उपयोग की जानकारी दी। साथ ही एआई के क्षेत्र में करियर से जुड़ी कई अहम पहलुओं पर बात की।
जन संपर्क के छात्रों के लिए एआई की जानकारी महत्वपूर्ण है
रांची विश्वविद्यालय के पत्रकारिता एवं जन संचार विभाग के डायरेक्टर डॉ बीपी सिन्हा ने एआई के विषय पर सेमिनार का आयोजन करने के लिए आईडीटीवी का आभार जताया।
इसके साथ ही उन्होंने विभाग के छात्रों को एआई को समझने एवं जन संचार में इसे उपयोग में लाने की बात कही।
छात्रों को एआई की बारीकियों को विस्तार से समझाया गया
सेमिनार की शुरुआत ऐआई में इस्तेमाल होने वाले प्रोम्पट से हुई। एआई एक्सपर्ट मनित सिन्हा ने छात्रों को सही और सटीक प्रोम्पट लिखने के बारे में बताया।
उन्होंने छात्रों को प्रॉम्ट इंजीनियरिंग के बारे में भी बताया कैसे इसे सीखने के बाद उनके लिए इस फिल्ड में अपार संभावनाएं हैं।
इसके साथ उन्होंने छात्रों को वेबसाइट डेवलपमेंट से जुड़ी कई पहलुओं पर भी दृष्टि डाली। जिसमें की वर्ड, स्लग, मैक्रो ब्लॉगिंग और माइक्रो ब्लॉगिंग शामिल थे।
इसके अलावा उन्होंने सटीक प्रॉम्ट के जरिए मनचाहा एआई वीडियो तैयार करने की जानकारी दी और छात्रों के सामने प्रैक्टिकल कर के भी दिखाया।
जन संचार के छात्रों को एआई सीखने की जरूरत
आईडीटीवी के प्रधान संपादक शंभु नाथ चौधरी ने सेमिनार में आए छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि पत्रकारिता जगत तेजी से बदल रहा है, और इस बदलते दौर में हमें अपने आप को नई टेक्नोलॉजी से अप टू डेट रखना चाहिये।
उदाहरण देते हुए उन्होंने प्रूफ रीडर्स का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि जैसे एक समय में पत्रकारिता के क्षेत्र में प्रूफ रिडर हुआ करते थे, लेकिन एडिटोरियल में यह पोस्ट अब खत्म हो चुकी है।
इसके साथ उन्होंने इस बात का भी जिक्र किया कि पहले के समय में पत्रकार अपनी रिपोर्ट को कलम से लिखा करते थे, जिसे बाद में कम्पोजिटर उस लिखावट को कंप्यूटर पर टाइप किया करता था।
आज के समय में यह दोनों ही पोस्ट एडिटोरियल से गायब हो चुके हैं। इसके लिए उन्होंने एआई इंदिरा का भी जिक्र किया।
एआई इंदिरा बिहार और झारखंड की पहली एआई एंकर है, जिसे आईडीटीवी ने बनाया है।
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