रांची। रांची में आयोजित सरहुल पूर्व संध्या समारोह के दौरान सरहुल फूल पत्रिका के 44वें अंक का लोकार्पण हुआ।
मौके पर रांची विवि के कुलपति डॉ अजीत कुमार सिन्हा, पूर्व मंत्री बंधु तिर्की, साहित्यकार महादेव टोप्पो, रमा खलखो, सरना नवयुवक संघ के अध्यक्ष डॉ हरि उरांव, सचिव बीरेंद्र उरांव, रमा खलखो आदि उपस्थित थे।
रमा खलखो ने कहा कि सरहुल पर सिर्फ नाचना-गाना काफी नहीं है। सोचना होगा कि कैसे हमारी भाषा, संस्कृति, नृत्य, गान संरक्षित होंगे।
कैसे हमारा घर बचेगा. चेन्नई से आये प्रमोद भगत ने कहा कि हमारी संस्कृति बहुत ही खूबसूरत है। यह एक गुलदस्ता की तरह है।
उन्होंने कहा कि 1987 से ही चेन्नई में सरहुल और कर्मा पर्व मनाया जा रहा है। वहां भी धीरे-धीरे हमारे पर्व लोकप्रिय हो रहे हैं।
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