पत्रकार रवि प्रकाश की फोटो प्रदर्शनी दिखा रही जीने की राह
श्वेता प्रियदर्शी
रांची। क्या आप उस व्यक्ति से मिलना चाहेंगे, जो खुद की जिदंगी से लड़ते हुए भी दूसरों को जीने के लिए प्रेरित कर रहा है। हम बात कर रहे हैं वरिष्ठ पत्रकार रवि प्रकाश की, जो कैंसर के फोर्थ स्टेज पर होते हुए भी लोगों को जीने की प्रेरणा दे रहे हैं।
वह अपने जिंदादिल अंदाज से लोगों को जीवन से प्रेम करना सीखा रहे हैं। 47 -वर्षीय पत्रकार रवि प्रकाश अपने इलाज के क्रम कई जगहों पर जाते रहे हैं। इस दौरान उन्होंने तस्वीरें खींची, जो खुशियां बिखरेती हैं। इन्ही तस्वीरों का प्रदर्शन उन्होंने रविवार को प्रेस क्लब में किया। 3 दिनी फोटो प्रदर्शनी का उद्घाटन रांची के सांसद संजय सेठ ने किया।
जिंदगी के रंग दिखाती हैं ये तस्वीरें
इसका थीम “कैंसर वाला कैमरा ’रखा गया है। इस प्रदर्शनी में उन्होंने ऐसी तस्वीरें लगाई हैं, जो खुद खींची है। ये तस्वीरें जीवन के रंगों से ओत-प्रोत हैं। ये लोगों को आकर्षित करती हैं। एक प्रसन्नचित अहसास कराती हैं। इनकी अलग –अलग कीमत रखी गयी है।
इन तस्वीरों के बारे में रवि प्रकाश ने बताया कि जब भी वह अपने इलाज के लिए जाते थे, तब जो भी छुट्टियां मिलती थीं, उस दौरान वह उन लम्हों को जीने की कोशिश करते थे। उन्होंने हर उस लम्हे को कैमरे में कैद किया, जो उन्हें खुशी देती थी। इन सारी तस्वीरों मे उन्होंने छोटी-छोटी खुशियों को कैद किया है। कुछ ऐसी तस्वीरे भी प्रदर्शित की गयी हैं, जो ये र्दशा रही हैं कि कठिन परिस्थिति में भी लोग कैसे हंसी-खुशी के साथ जी रहे हैं।
प्रदर्शनी की कमाई का 10 प्रतिशत देंगे प्रेस क्लब को
उन्होंने ये भी बताया कि वह इतने सक्षम नहीं है कि कैंसर के महंगे इलाज का खर्च उठा सकें। इसलीए ये प्रदर्शनी लगायी गया है। इससे जो पैसे आयेंगे, उसका 10 प्रतिशत वह प्रेस क्लब के कॉरपस फंड के लिए देंगे। शेष पैसे अपने इलाज पर खर्च करेंगे।
ऐसे निडर और जिंदादिल इसान एक उदाहरण हैं, जो इतनी झंझावतों और मुश्किलों से लड़ते हुए अपनी राह को आसान बनाने में जुटे हैं। इन्होंने मौत को हराने की ठानी है। तभी तो यह कहते हैं कि झटका तो सभी को लगता है, किसी को कम तो किसी को ज्यादा। पर इनसे उबरना जरूरी है। बस यही प्रयास वह कर रहे हैं। ऐसे जिंदादिल इंसान को सलाम। ..