पटना : बिहार के विभिन्न हिस्सों में रामनवमी के दौरान हुई हिंसा को लेकर विधानमंडल के दोनों सदनों में सोमवार को जोरदार हंगामा हुआ। सदन में सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच तीखी नोकझोक भी हुई। विपक्षी भाजपा ने सदन के अंदर और बाहर जोरदार विरोध किया।
विधानसभा की कार्यवाही शुरू होते ही नेता प्रतिपक्ष विजय कुमार सिन्हा ने कार्यस्थगन का प्रस्ताव दिया। जिसे विधानसभा अध्यक्ष अवध बिहारी चौधरी ने नियमानुसार नही मानते हुए अस्वीकार कर दिया। इसी दौरान नेता प्रतिपक्ष ने राज्य में हुई हिंसा की घटनाओं को प्रशासनिक विफलता करार दिया।
उन्होंने सरकार पर आरोप लगाया कि रामनवमी जुलूस के दौरान हिंसा की घटनाओं को रोकने में सरकार विफल रही। इस दौरान भाजपा के विधायक सदन के वेल में जाकर हंगामा करने लगे। कुर्सी उठाकर भी पटकी गई। वहीं, देखते ही देखते दोनों ओर के विधायक वेल में आ गए।
विवाद बढ़ता देख महज 16 मिनट में ही विधानसभा अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी। विधान परिषद में भी कार्यवाही शुरू होते ही विरोधी दल के सदस्यों ने हिंसा को लेकर भारी हंगामा शुरू कर दिया। विधान परिषद के बाहर भी भाजपा के सदस्यों ने जोरदार हंगामा किया।
हंगामे के बीच मुख्यमंत्री नीतीश कुमार परिषद की कार्यवाही में शामिल होने के लिए चले, लेकिन भाजपा का हंगामा देखकर उन्होंने अपना रास्ता बदल लिया और दूसरे रास्ते से परिषद पहुंचे। दरअसल, बिहार में रामनवमी पर कई जिलों में भड़की हिंसा को लेकर सियासत तेज है।
राज्य में बिगड़ती कानून-व्यवस्था को लेकर भाजपा नीतीश सरकार पर हमलावर है। इसी कड़ी में सोमवार को भाजपा विधायकों ने विधानसभा में और विधान पार्षदों ने परिषद में जमकर हंगामा किया।