आंचल लोचन प्रसाद
रांची। बीती रात रामगढ़ में एक सड़क हादसे में चार लोगों की जान चली गयी। एक पूरा परिवार खत्म हो गया। इससे पहले शुक्रवार की रात रांची के मेनरोड में एक सड़क दुर्घटना में दो लोगों की मौत हो गयी, जबकि दो बच्चे गंभीर रूप से घायल हैं।
पिछले साल एक लाख जान गयी
ये दुर्घटनाएं किसी के लिए भी सिर्फ खबर भर हो सकती है। परंतु सड़क हादसे कितना जीवन लील लेते हैं, यह जानकार हम सहम जरूर जायेंगे।
आपको हम बताते हैं कि सिर्फ पिछले साल ही भारत में साढ़े चार लाख से ज्यादा सड़क हादसे हुए। इनमें एक लाख से अधिक की मौत हो गयी।
30वें स्थान पर है झारखंड
ये आंकड़े चौंकानेवाले हैं। अपने झारखंड की स्थिति भी कुछ ज्यादा अलग नहीं है। हालांकि सड़क हादसों के मामले में झारखंड देश में 30वें स्थान पर है।
परिवहन विभाग के आंकड़ों के मुताबिक राज्य में पिछले साल 5067 हादसे हुए, जिनमें 3703 से ज्यादा जानें गयीं। सड़क हादसों को लेकर बार-बार चिंता जतायी जाती है। परंतु ये कम होने का नाम नहीं ले रहे।
झारखंड में सबसे ज्यादा सड़क हादसे राजधानी रांची में होते हैं। आंकडों के अनुसार पिछले वर्ष राजधानी मे 644 हादसो में 448 जाने गयी। दूसरे नबंर पर धनबाद रहा।
यहां 389 से अधिक सड़क हादसें हुए। बोकारो तीसरें नबंर पर हैं। यहां 300 हादसें हुए, जिनमें 73 मौत हुई।
मृतकों में दोपहिया सवार सबसे ज्यादा
यदि वाहनों के लिहाज से देखें, तो सड़क हादसों में हुई कुल मौतों में दोपहिया सवारों की हिस्सेदारी सबसे अधिक है। इसके बाद इन हादसों में पैदल चलने वाले यात्रियों की जान गयी।
सड़क संबंधी नियम कितने जरुरी हैं, इसका अंदाजा इसी से लगया जा सकता है छोटी सी चूक भी जानलेवा हो जाती हैं ।
वैसे, तो सड़क हादसों का सबसे प्रमुख कारण लापरवाही ही मानी जाती है। ओवर स्पीड भी दुर्घटनाओं को आमंत्रित करते हैं। इसके अलावा ट्रैफिक नियमों का पालन नहीं करना और ड्रिंक ड्राइविंग भी हादसे का कारण बनते हैं।
आम तौर पर लोग ट्रैफिक नियमों की अनदेखी करते हैं और हादसे का शिकार बनते हैं। आजकल तो युवाओं के बाइक स्टंट भी हादसे केकरण बन रहे हैं।
बार-बार आगाह करता रहा है प्रशासन
ट्रैफिक कंट्रोल डिपार्टमेंट बार-बार आगाह करता है कि लोग ट्रैफिक नियमों का पालन करें। दोपहिया वाहन पर दोनों सवार हेलमेट पहने, कार में सीट बेल्ट लगाकर बैठे, गति सीमा पर कंट्रोल रखें, किसी भी वाहन में ओवर लोडिंग न हो, सिर्फ लाइसेंसधारी ही वाहन चलायें और सड़क के किनारे ही पैदल चलें।