Risk of heart attack in children:
जयपुर, एजेंसियां। राजस्थान की 9 साल की प्राची कुमावत की अचानक हार्ट अटैक से मौत ने सभी को चौंका दिया है। आमतौर पर हार्ट अटैक बुजुर्गों से जुड़ा माना जाता है, लेकिन बच्चे भी इसके शिकार हो सकते हैं। हालांकि बच्चों में हार्ट अटैक के मामले कम होते हैं, लेकिन यह गंभीर हो सकते हैं।
मुख्य कारण
बच्चों में हार्ट अटैक के मुख्य कारणों में जन्मजात हार्ट की समस्याएं, मायोकार्डिटिस (दिल की मांसपेशियों में सूजन), खेल के दौरान सीने पर चोट, ब्लड संबंधी बीमारियां और आनुवंशिक कारण शामिल हैं।
हार्ट अटैक के लक्षण
हार्ट अटैक के लक्षण बच्चों में अक्सर स्पष्ट नहीं होते, लेकिन फिजिकल एक्टिविटी के दौरान सीने में दर्द, तेज या अनियमित धड़कन, सांस फूलना, बेहोशी, नीला या मटमैला रंग होना जैसे संकेत हो सकते हैं। छोटे बच्चे चिड़चिड़ापन, भूख में कमी, वजन न बढ़ना, दस्त-उल्टी जैसी समस्याएं भी दिखा सकते हैं।

अगर बच्चे अचानक बेहोश हो जाए या सांस न ले रहा हो, तो तुरंत मेडिकल मदद लेनी चाहिए और जरूरत पड़े तो CPR करनी चाहिए। स्कूल और खेल मैदानों में ऑटोमेटेड एक्सटर्नल डिफिब्रिलेटर की मौजूदगी जीवन बचा सकती है।
हेल्दी डाइट
रोकथाम के लिए बच्चों का नियमित स्वास्थ्य परीक्षण जरूरी है। हेल्दी डाइट, नियमित व्यायाम और खेलों के दौरान सुरक्षा उपकरणों का इस्तेमाल भी बेहद महत्वपूर्ण है। अगर परिवार में दिल की बीमारी का इतिहास हो तो डॉक्टर से नियमित सलाह लेना चाहिए।
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