नई दिल्ली, एजेंसियां। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने घोषणा की है कि वह जनवरी-मार्च 2025 की तिमाही के दौरान राज्य सरकारों और केंद्र शासित प्रदेशों (यूटी) को ₹4.73 लाख करोड़ के सरकारी बॉन्ड बेचेगा। इसके लिए नीलामी का साप्ताहिक कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा, जैसा कि आरबीआई की अधिसूचना में उल्लेखित किया गया है।
नीलामी का विवरण और घोषणा का समय
आरबीआई ने स्पष्ट किया कि उधारी की वास्तविक राशि और भाग लेने वाले राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों का विवरण नीलामी के वास्तविक दिन से 2-3 दिन पहले प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से सूचित किया जाएगा। इस कदम से नीलामी के बारे में पहले से जानकारी दी जाएगी, जिससे पारदर्शिता सुनिश्चित की जा सके।
नीलामी की प्रक्रिया में गैर-विघटनकारी दृष्टिकोण
आरबीआई ने कहा कि वह नीलामी को बाजार की स्थितियों और अन्य प्रासंगिक कारकों को ध्यान में रखते हुए गैर-विघटनकारी तरीके से आयोजित करने का प्रयास करेगा। इसके अलावा, आरबीआई यह सुनिश्चित करेगा कि तिमाही के दौरान उधारी का वितरण समान रूप से किया जाए।
नीलामी की तारीखों और राशियों में बदलाव की संभावना
आरबीआई ने यह भी कहा कि वह राज्य सरकारों और यूटी के परामर्श से नीलामी की तारीखों और राशियों में संशोधन करने का अधिकार सुरक्षित रखता है। इसका उद्देश्य आर्थिक और बाजार स्थितियों में बदलाव को ध्यान में रखते हुए नीलामी की प्रक्रिया को लचीला बनाना है।
सरकारी बॉंड और राज्य विकास ऋण (SDL)
सरकारी बॉंड , जिन्हें सरकारी प्रतिभूतियाँ (G-Sec) भी कहा जाता है, केंद्रीय और राज्य सरकारों द्वारा जारी किए जाने वाले व्यापार योग्य उपकरण हैं। केंद्र सरकार ट्रेजरी बिल और बॉंड दोनों जारी करती है, जबकि राज्य सरकारें केवल बॉंड या दिनांकित प्रतिभूतियाँ जारी करती हैं, जिन्हें राज्य विकास ऋण (SDL) कहा जाता है।
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