तारा शाहदेव मामले में दोनों हैं दोषी, सीबीआई कोर्ट सुना चुका है सजा
रांची। बहुचर्चित नेशनल शूटर तारा शाहदेव की प्रताड़ना के दोषी रंजीत सिंह कोहली की मां कौशल रानी और हाईकोर्ट के बर्खास्त रजिस्ट्रार मुश्ताक अहमद को बड़ी राहत मिली है।
झारखंड हाईकोर्ट ने दोनों दोषियों को बेल दे दी है। हालांकि रंजीत सिंह कोहली को बेल नहीं मिली है।
बता दें कि रांची की सीबीआई कोर्ट ने रंजीत कोहली को अंतिम सांस तक जेल में रहने की सजा दी है।
वहीं उसकी मां कौशल रानी और मुश्ताक अहमद को 10 साल की सजा सुनायी थी। रांची सीबीआई कोर्ट के आदेश को मुश्ताक और कौशल रानी ने झारखंड हाईकोर्ट में चुनौती दी थी।
जिस पर सुनवाई हुई और दोनों को बेल मिल गयी। फिलहाल दोनों दोषी न्यायिक हिरासत में हैं।
बता दें कि तारा शाहदेव के उतपीड़न के आठ साल पुराने मामले में सीबीआई कोर्ट ने अक्टूबर 2023 में बड़ा फैसला सुनाया था।
सीबीआई के विशेष न्यायाधीश पीके शर्मा की अदालत ने झारखंड हाईकोर्ट के पूर्व रजिस्ट्रार (निगरानी) मुश्ताक अहमद (61), रंजीत सिंह कोहली उर्फ रकीबुल हसन (40) एवं उसकी मां कौशल रानी (90) को दोषी करार दिया था।
जिसके बाद रकीबुल को उम्र कैद और रकीबुल की मां कौसर रानी को दस साल की सजा सुनाई थी।
इसके अलावा साजिश रचने के आरोपी झारखंड हाईकोर्ट के तत्कालीन रजिस्ट्रार मुस्ताक अहमद को 15 साल कैद की सजा सुनाई थी।
बताते चलें कि रंजीत कोहली व तारा शाहदेव की कपटपूर्वक शादी सात जुलाई 2014 को हुई थी। शादी के बाद से ही मारपीट एवं उत्पीड़न की घटनाएं होने लगी थीं।
घटना को लेकर हिंदपीढ़ी थाने में प्राथमिकी दर्ज की गई थी। वहीं परिजन सीबीआई जांच की मांग को लेकर झारखंड हाईकोर्ट गए।
जहां सीबीआई जांच का आदेश दिया गया। हाईकोर्ट के आदेश पर सीबीआई ने 2015 में केस टेकओवर किया।
सीबीआई ने 12 मई 2017 को तीनों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी। करीब छह साल चली लंबी सुनवाई के बाद शुक्रवार को फैसला आया।
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