Jharkhand civic elections:
रांची। झारखंड सरकार ने राज्य के नगर निकाय चुनाव में पिछड़े वर्गों (OBC) के लिए आरक्षण को मंजूरी दे दी है। इस फैसले के साथ राज्य में 2020 से लंबित शहरी निकाय चुनावों की राह साफ हो गई है। गृह, कारा एवं आपदा प्रबंधन विभाग की ओर से जारी अधिसूचना के बाद राज्य निर्वाचन आयोग ने वार्ड परिसीमन और आरक्षण प्रक्रिया शुरू कर दी है। उम्मीद जताई जा रही है कि चुनाव दिसंबर 2025 से जनवरी 2026 के बीच कराए जा सकते हैं।
वार्ड परिसीमन का नया फार्मूला
सरकार ने वार्ड गठन के लिए नया फार्मूला तय किया है। इसके तहत 1.5 लाख आबादी पर 35 वार्ड बनाए जाएंगे और हर अतिरिक्त 50 हजार की जनसंख्या पर एक वार्ड जोड़ा जाएगा। उदाहरण के लिए, दो लाख की आबादी वाले नगर में 36 वार्ड होंगे। प्रत्येक वार्ड में जनसंख्या लगभग समान रखी जाएगी, जिसमें 5% तक की कमी-बेसी की अनुमति होगी। नए परिसीमन में कई वार्डों की भौगोलिक सीमाएं बदली जाएंगी, ताकि प्रतिनिधित्व अधिक संतुलित और न्यायसंगत हो सके।
आरक्षण प्रक्रिया और प्रमुख दिशानिर्देश
पहले चरण में अनुसूचित जाति (SC) और अनुसूचित जनजाति (ST) की जनसंख्या अनुपात के अनुसार वार्डों में आरक्षण तय होगा। इसके बाद ओबीसी वर्ग (BC-1 और BC-2) के लिए सीटें आरक्षित की जाएंगी। कुल आरक्षण की सीमा 50% से अधिक नहीं होगी। वहीं महिलाओं के लिए आरक्षण चक्रानुक्रम (Rotation System) के आधार पर लागू किया जाएगा।
चुनाव प्रक्रिया में तेजी
राज्य सरकार ने सभी जिलाधिकारियों और निर्वाचन अधिकारियों को परिसीमन और आरक्षण की प्रक्रिया शीघ्र पूरी करने का निर्देश दिया है। निर्वाचन आयोग ने संकेत दिए हैं कि प्रक्रिया पूरी होते ही चुनाव अधिसूचना जारी की जाएगी।विशेषज्ञों का मानना है कि ओबीसी आरक्षण की मंजूरी के बाद राज्य में शहरी स्थानीय निकायों को नया जनप्रतिनिधित्व मिलेगा, जिससे स्थानीय विकास, पारदर्शिता और वित्तीय अनुदान की दिशा में तेजी आएगी।
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