रांची। झारखंड में निकाय चुनाव (civic elections) में और देर हो सकती है। इसका कारण है कि निर्वाचन आयुक्त डॉ डीके तिवारी का कार्यकाल 22 मार्च को खत्म हो रहा है। राज्य निर्वाचन आयुक्त का पद रिक्त होने पर 48 स्थानीय शहरी निकायों में चुनाव कराने की प्रक्रिया प्रभावित हो जायेगी। इससे राज्य में लगातार टल रहे नगर निकाय चुनाव में और विलंब हो सकता है।
4 साल का है कार्यकालः
झारखंड में राज्य निर्वाचन आयुक्त का कार्यकाल चार वर्ष का है। जबकि बाकी राज्यों में निर्वाचन आयुक्तों का कार्यकाल पांच साल का होता है। झारखंड में राज्य निर्वाचन आयुक्त (State Election Commissioner) के कार्यकाल की अवधि कम होने का असर शहरी निकायों व पंचायत चुनाव की तैयारियों पर पड़ता है। राज्य निर्वाचन आयुक्त का पद रिक्त होने या नये व्यक्ति को पदस्थापित किये जाने से अनावश्यक ज्यादा समय लगता है। जिससे चुनाव में विलंब होता है।
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