रांची: झारखंड हाईकोर्ट ने रांची की बूटी बस्ती निवासी B.Tech छात्रा के साथ दुष्कर्म कर जला देने के मामले में सजायाफ्ता राहुल कुमार उर्फ राहुल राज की फांसी की सजा को बरकरार रखा है।
जस्टिस आनंद सेन व जस्टिस गौतम कुमार चौधरी की खंडपीठ ने फैसला सुनाते हुए राहुल कुमार की अपील याचिका को खारिज कर दिया।
तो वहीं, रांची सीबीआई की विशेष अदालत की सजा संबंधी आदेश को सही पाया और फांसी की सजा को बरकरार रखा।
राहुल कुमार को फांसी की सजा कंफर्म
झारखंड सरकार की अपील याचिका को स्वीकार करते हुए राहुल कुमार उर्फ राहुल राज को दी गयी फांसी की सजा को कंफर्म कर दिया।
इससे पूर्व राज्य सरकार की ओर से अधिवक्ता प्रिया श्रेष्ठ ने बहस करते हुए घटना को रेयरेस्ट ऑफ रेयर बताया और फांसी की सजा को बरकरार रखने का आग्रह किया।
रांची सीबीआई की विशेष अदालत ने मामले में राहुल कुमार को 20 दिसंबर 2019 को दोषी करार दिया था।
इंजीनियरिंग की छात्रा के साथ दुष्कर्म व जला कर मारने की घटना को रेयरेस्ट ऑफ रेयर की श्रेणी में बताते हुए 21 दिसंबर 2019 को आरोपी को फांसी की सजा सुनायी थी।
राहुल कुमार ने कब दिया था घटना को अंजाम
15 दिसंबर 2016 की रात में आरोपी राहुल कुमार उर्फ राहुल राज उर्फ उर्फ रॉकी राज उर्फ अंकित उर्फ राज श्रीवास्तव उर्फ आर्यन ने बीटेक की छात्रा के साथ दुष्कर्म के बाद उसको जला कर मारने की घटना को अंजाम दिया था।
बहुचर्चित मामले में आरोपी को गिरफ्तार करने के लिए आम लोगों को सड़क पर उतरना पड़ा था।
झारखंड पुलिस व सीआइडी को जांच में सफलता नहीं मिलने पर बाद में मामले की जांच सीबीआई को सौंपी गयी थी।
सीबीआई ने कैसे लगाया था आरोपी राहुल का पता
सीबीआई ने बूटी बस्ती में मोबाइल कॉल डंप के आधार पर आरोपी राहुल का पता लगाया। इस मामले में करीब 300 लोगों से पूछताछ हुई थी।
राहुल नालंदा के एकंगरसराय थाना क्षेत्र के घुरगांव का रहनेवाला था। पटना में भी उसके खिलाफ नाबालिग से दुष्कर्म का केस दर्ज था। वह लखनऊ जेल में बंद था।
इसके बाद राहुल के माता-पिता तथा पीड़िता के स्वैब व नाखून से मिले अंश का डीएनए टेस्ट कराया गया था। इसमें राहुल की मां का डीएनए मैच कर गया।
इसी सबूत के आधार पर फांसी की सजा हुई थी। सीबीआई अदालत ने मामले को रेयरेस्ट ऑफ रेयर बताते हुए फांसी की सजा सुनायी थी।
इसे भी पढ़ें
बीटेक की छात्रा से दरिंदगी कर जिंदा जलाने वाले राहुल राज की फांसी की सजा बरकरार