लोहरदगा। नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने कहा कि बीजेपी नहीं चाहती कि आदिवासी को शिक्षा मिले। आपके बच्चे डॉक्टर, वकील, अधिकारी, पुलिस, मीडिया या किसी भी बड़े पोस्ट पर जाए।
मोदी, आरएसएस और अरबपतियों की सोच है कि जल हमारा, जमीन हमारी और जंगल हमारा । इनका मानना है कि जहां आदिवासियों की जमीन है उसे ले लो।
जबकि महागठबंधन का मानना है कि अगर आप जमीन दें, तो आपको उसका उचित मूल्य मिले। इसके साथ ही उस जमीन पर जो भी कारोबार हो या उद्योग बने, उसमें आपके बच्चों को नौकरी मिले। हम आदिवासियों को शिक्षा देना चाहते हैं।
राहुल गांधी ने ये बाते लोहरदगा में चुनावी सभा को संबोधित करते हुए कही। यहां वह रामेश्वर उरांव के समर्थन में चुनाव प्रचार करने पहुंचे थे।
90 प्रतिशत लोग देश को चलाएः
राहुल गांधी ने कहा कि पूरे भारत में 8 प्रतिशत आदिवासी, 15 प्रतिशत दलित, 50 प्रतिशत ओबीसी और 15 प्रतिशत माइनॉरिटी हैं, यानी इनकी कुल संख्या करीब 90 प्रतिशत है। लेकिन आज आप नौकरी, बिजनेस, Judicial सिस्टम, मीडिया या किसी भी फील्ड में देखें।
आपको ये नहीं दिखेंगे। नेशनल मीडिया में एक भी आदिवासी या दलित एंकर नहीं है, लेकिन इसमें गलती आपकी नहीं है। आप में कमी नहीं है, सच्चाई यह है कि आपको रास्ता नहीं दिया जाता, आपका रास्ता रोका जाता है।
वहीं, बता दूं सरकार आपकी जेब से निकले टैक्स से बजट बनाती है, फिर उसे अलग-अलग क्षेत्रों में खर्च करती है।
मैंने पता लगाया कि इस बजट को विभिन्न क्षेत्रों में कितना खर्च करना है, रेलवे को कितना देना है, सड़क निर्माण के लिए कितना देना है, अस्पताल बनाने के लिए कितना पैसा देना है। इन सभी का निर्णय 90 अफसर लेते हैं, हर निर्णय इनका होता है।
वहीं, इन 90 अफसरों में से केवल एक अफसर आदिवासी, 3 अफसर दलित और 3 अफसर पिछड़े वर्ग के हैं। यह दर्शाता है कि अगर भारत सरकार 100 रूपये खर्च करती है, तो इसमें केवल 10 पैसे का निर्णय आदिवासी, 1 रूपये का निर्णय दलित और 5 रूपये का निर्णय पिछड़े वर्ग के अफसर लेते हैं।
इसका मतलब देश में 100 रूपए खर्च होने पर केवल 6 रूपए के निर्णय में इन वर्गों की भागीदारी रहेगी। इन्हीं बातों को लेकर मैंने जाति जनगणना करने की बात कही। इससे अलग-अलग क्षेत्रों में सभी जातियों की भागीदारी पता चल जाएगी।
लेकिन इस पर मोदी चुप हो गए और कहते हैं कि राहुल गांधी देश को बांटने का काम करता है। आप देखें एक भी प्राइवेट अस्पताल को दलित या आदिवासी नहीं चला रहा। यही कारण है, मैं चाहता हूं कि 90 प्रतिशत लोग देश को चलाए।
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