अब पति या सास-ससुर से पैसे नहीं मांगेंगे
रांची। रांची के नामकुम में खोजाटोली स्थित आर्मी ट्रेनिंग ग्राउंड में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने 56,61,791 महिलाओं के बैंक अकाउंट में 1415 करोड़ 44 लाख 77 हजार 500 रुपए की मंईयां सम्मान राशि ट्रांसफर की। राशि हस्तांतरित करने के बाद मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन रैंप पर चलते हुए लाभुक महिलाओं के बीच गए। पूछा- इन पैसों का क्या करेंगी।
महिलाओं ने कहा- बच्चों को पढ़ाएंगे। दवाएं खरीदेंगे। भविष्य के लिए जमा करेंगे। अब पति या सास-ससुर पर निर्भर नहीं रहेंगे। उनसे पैसे नहीं मांगेंगे, जरूरत पड़ने पर उन्हें देंगे। छोटी-छोटी आवश्यकताओं के लिए इन पैसों का होना बहुत ही महत्वपूर्ण है।
मुख्यमंत्री ने भी महिलाओं को सलाह दी कि वे इन पैसों से बच्चों को ट्यूशन पढ़ा सकती हैं। अपने और बच्चों के लिए अब हर त्योहार में मनपसंद के कपड़े खरीद सकती हैं। गैस सिलेंडर खरीद सकती हैं। सरकार के अनाज पर जिंदा रहने की जरूरत नहीं है। घर के लिए पोषक आहार, मांस-मछली खरीदकर खा सकती हैं।
खून की कमी से जूझ रही महिलाएं अपने लिए पोषक आहार खरीद सकती हैं। बहुत से ऐसे गरीब हैं, जो राशन का अनाज बेच देते हैं, क्योंकि उससे ज्यादा उन्हें पैसे की जरूरत होती है। इस मौके पर महिलाओं ने अपनी योजना मुख्यमंत्री को बताई।
सिलाई दुकान खोलूंगी और मां की देखभाल करूंगीः किरण
राहे की किरण कच्छप ने कहा कि मेरा गांव सुदूर इलाके में है। वहां के सारे लोग जंगल से लकड़ी काट कर राहे बाजार में बेचते हैं। काम की तलाश में भाई-बहन गांव से शहर आ गए हैं। मैं गांव में ही रहकर मां की देखभाल करती हूं। इन पैसों से सिलाई दुकान खोलूंगी।
बच्चों के स्कूल की फीस भरूंगी, कुछ पैसे भी बचाऊंगीः प्रतिमा
चटकपुर की प्रतिमा ने कहा कि आजकल बच्चों की पढ़ाई-लिखाई में बहुत खर्च हो जाता है। पति कुली का काम करते हैं। अब हर महीने जो पैसे आएंगे, उससे अपने दोनों बच्चों के स्कूल की फीस भरूंगी। कुछ पैसे बचत करने की भी कोशिश करूंगी।
खेती के लिए पूंजी के तौर पर इस्तेमाल करूंगीः सुमी
चक्रधरपुर की सुमी जरैका ने कहा कि हमलोग खेती करते हैं। इसी से परिवार का भरण-पोषण चलता है। योजना से मिले पैसे से खेती में मदद होगी। अब तक हर सीजन में खेती करने के लिए उधार लेना पड़ता था। खाद, बीज, कीटनाशक खरीदने के लिए अब दूसरों पर निर्भर नहीं रहना होगा। अब जमीनें परती नहीं रहेंगी। सालों भर खेती कर सकेंगे।
रेकरिंग अकाउंट खुलवाऊंगी और बचत करूंगीः प्रेमलता
सुंदरपहाड़ी की प्रेमलता देवी ने कहा कि मेरे तीन बच्चे हैं, जो गांव के स्कूल में पढ़ते हैं। कुछ समय बाद इंटर की पढ़ाई के लिए शहर भेजने का सपना है। पहले कम आमदनी के कारण यह सपना पूरा होता नहीं दिख रहा था। अब हर महीने जो राशि मिलेगी, उसे रेकरिंग अकाउंट में जमा करूंगी। जिससे बच्चे बड़े होकर बेहतर शिक्षा पा सकें।
घर खर्च चलाने में मदद मिलेगीः यशोदा
उलातू की यशोदा देवी ने कहा कि मेरे गांव में ज्यादातर लोग पेशे से कुम्हार हैं। मेरे पति भी मिट्टी से बर्तन व अन्य सामान बनाते हैं। मैं पति के काम में मदद करती हूं। लेकिन, सालों भर यह काम नहीं चलता है। अब मंईयां सम्मान योजना की राशि से घर खर्च चलाने में आसानी होगी।
अब मैं अपनी पढ़ाई का खर्च खुद उठा सकूंगीः अंशु प्रिया
तुपुदाना की अंशु प्रिया ने कहा कि मेरी इंटर की पढ़ाई पूरी हो चुकी है। आगे की पढ़ाई के लिए पैसों की समस्या हो रही थी। ऐसे में मंईयां सम्मान योजना का लाभ मिलना बड़ी बात है। अब इन पैसों से अपनी पढ़ाई जारी रख सकूंगी। मां-पापा पर मेरी पढ़ाई का बोझ कम होगा। खुद की जरूरतें भी इन पैसे से पूरी कर सकूंगी।
पैसे बचाकर कॉलेज आने-जाने के लिए स्कूटी लूंगीः अंजली कुमारी
तुपुदाना की अंजली कुमारी ने कहा कि मैं ग्रेजुएशन की छात्रा हूं। घर से ही कॉलेज आना-जाना करती हूं। सिटी बस से हर दिन ट्रैवल करने में बहुत सारी परेशानियां आती हैं। सीट नहीं मिलती है, खड़े होकर लंबी दूरी तय करती हूं। अब योजना की राशि जमा कर एक स्कूटी खरीदूंगी।
योजना की राशि से अपने व्यवसाय को बड़ा करूंगीः सुशीला
बड़ाम की सुशीला देवी ने कहा कि मेरी एक छोटी सी मिठाई की दुकान है। तीन बच्चे हैं, जो स्कूल में पढ़ रहे हैं। पांच सदस्य वाले परिवार में छोटी मिठाई की दुकान से घर चलाने में परेशानी आती है। मंईयां सम्मान योजना की राशि से सबसे पहले अपने व्यवसाय को बड़ा करूंगी। बच्चों की पढ़ाई-लिखाई की जिम्मेवारी अच्छे से निभाऊंगी।
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