रांची। गोड्डा से राजद विधायक संजय प्रसाद यादव तीसरी बार विधायक और राज्य सरकार में पहली बार मंत्री बनाए गए है। संजय यादव की राजद के कद्दावर नेताओं और लालू यादव परिवार के करीबी के रूप में होती है।
कहा जाता है कि संजय यादव युवा अवस्था से ही राजनीति से जुड़े रहे है। 1990 के दशक में बिहार-झारखंड में समाजवादी नेताओं का उदय हो रहा था। संजय प्रसाद लालू यादव की राजनीति से प्रभावित हुए।
शुरुआत में उनका जुड़ाव जनता दल से हुआ और बाद में जब लालू यादव ने राजद की स्थापना की तो संजय यादव उनके रास्ते पर निकल पड़े।
संजय यादव पहला चुनाव साल 2000 में राजद की टिकट पर गोड्डा विधानसभा सीट से लड़े। चुनाव में उन्होंने भाजपा के दुख मोचन चौधरी को सात हजार मतों के अंतर से हराया। संजय यादव की गिनती लालू परिवार के वफादार और तेज तर्रार विधायकों में होने लगी।
हालांकि अगला चुनाव, यानी 2005 का विधानसभा चुनाव वो हार गए। लेकिन गोड्डा की स्थीय राजनीति में उनका दबदबा बरकरार रहा और 2009 के विधानसभा चुनाव में उन्होंने जोरदार वापसी की और भाजपा के रघुनंदन मंडल को नौ हजार मतों के अंतर से मात देकर दोबारा विधानसभा पहुंचे।
इस बार के चुनाव में संजय यादव ने अपने सभी पुराने रिकॉर्ड को तोड़ते हुए भाजपा प्रत्याशी अमित मंडल को 21471 मतों के अंतर से धूल चटाई। इसका इनाम उन्हें मंत्री पद के रूप में मिला।
मंत्री पद के लिए राजद ने अपने चार विधायकों में से संजय प्रसाद यादव का नाम आगे किया। गुरुवार को राजभवन के बिरसा मंडप में संजय प्रसाद यादव ने पहली बार झारखंड सरकार के मंत्री के रूप में शपथ ली। आगे ये देखना दिलचस्प होगा कि राजद कोटे के मंत्री संजय यादव को कौन का पोर्टफोलियो मिलता है।
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