रांची। रांची के एक्सट्रीम बार में हुए मर्डर में हत्यारे की गिरफ्तारी के बाद कई चौंकानेवाले खुलासे हुए हैं।
रांची के एसएसपी चंदन कुमार सिन्हा ने बताया कि हत्या के तुरंत बाद पुलिस हत्यारे अभिषेक के पीछे लग गई थी।
वह जहां-जहां भाग रहा था, पुलिस उसे चेज करती रही। इस दौरान उसने तीन कार चेंज की। तीनों कार पुलिस जब्त कर चुकी है।
और अंत में उसे गया से गिरफ्तार कर लिया गया। मुख्य आरोपी अभिषेक सिंह को रांची पुलिस ने टेक्निकल टीम की मदद से गया तक ट्रेस किया।
फिर गया पुलिस की मदद से उसे अलीपुर थाना क्षेत्र के अखनपुर गांव के समीप से गिरफ्तार किया गया।
बार में हुई घटना के बारे में एसएसपी ने बताया कि एक्सट्रीम स्पोर्ट्स बार में बाउंसर और कुछ व्यक्तियों के बीच झड़प हुई थी।
यह झड़प युवती से छेड़छाड़ को लेकर हुई थी। मारपीट की घटना की सूचना चुटिया थाना को मिलने पर पुलिस बार में पहुंची।
पुलिस के आने से पहले मारपीट में शामिल लोग जा चुके थे। उसे वहां सिर्फ एक व्यक्ति मिला, जिसे लेकर पुलिस थाना आ गई। पर वो इतना नशे में था कि उससे पुछताछ नहीं हो पाई।
इधर, अभिषेक अपने साथियों के साथ बार में शराब पीता रहा। इस दौरान उन्होंने बार डांसर के साथ छेड़छाड़ की।
जब बाउंसरों ने उन्हें रोका, तो उससे उलझ गये। देखते ही देखते विवाद बढ़ गया और बार में मारपीट होने लगी।
सभी बाउंसरों ने मिलकर अभिषेक और उसके साथियों पिटाई की और बार से भगा दिया। इसके बाद अभिषेक गुस्से में घर पहुंचा और लाइसेंसी हथियार लेकर बार में वापस लौटा। फिर उसने डीजे संचालक संदीप को गोली मार दी।
वहीं, जब अरगोड़ा पुलिस का गश्ती दल गोली की आवाज सुनकर वहां पहुंचा तो आरोपित पुलिस को देखकर भाग निकला।
पुलिस की टीम गोलीबारी में घायल डीजे को इलाज के लिए रिम्स ले गयी लेकिन उसकी मौत हो गई।
उधर, डीजे को गोली मारकर फरार अभिषेक सिंह गाड़ी बदल-बदल कर भाग रहा था। जिससे कि पुलिस इसे पकड़ न सके।
बताते चलें कि अभिषेक सिंह गाड़ी बदल-बदल कर भाग रहा था। पुलिस ने रांची से ब्रेजा, हजारीबाग से इग्निस और बिहार के गया जिले से स्कॉर्पियो को बरामद किया है।
पुलिस सात टीमों की मदद से अभिषेक सिंह को गया से पकड़ने में कामयाब हुई। जिसमें रांची से 1 टीम, रामगढ़ से 2 टीम, गया से 3 टीम और 1 टेक्निकल टीम की मदद ली गई।
पुलिस को यह जानकारी मिली है कि अभिषेक सिंह रांची में कोकाकोला का लाइसेंस लेकर बिजनेस करता है।
इसके साथ ही उसने ITC के सिगरेट की एजेंसी ले रखी है। उसका एक साथी प्रतीक रामगढ़ के यूनियन बैंक ऑफ इंडिया का मैनेजर है।
पुलिस का कहना है कि ये मैनेजर इस घटना में शामिल है या नहीं ये कहना मुश्किल है, क्योंकि अभी तक अभिषेक सिंह से पूछताछ पूरी नहीं हुई है।
बताते चलें कि पुलिस को तलाशी के दौरान अभिषेक सिंह के नाम से असम से दो हथियारों के लाइसेंस मिले।
जब हथियार के लाइसेंस के बारे में उपायुक्त के शस्त्र शाखा से इसकी जानकारी ली गई, तो पता चला कि इस लाइसेंस से संबंधित कोई भी जानकारी वहां नहीं दी गई है।
पुलिस का कहना है कि असम का जो लाइसेंस है, यह फर्जी भी हो सकता है। क्योंकि असम और नागालैंड जैसे राज्यों में आसानी से फर्जी लाइसेंस बन जाते हैं।
ये कहना जल्दबाजी होगी कि ये लाइसेंस फर्जी है या असली है। इसके साथ ही पुलिस का कहना है कि बार का बाउंसर है उसे किस उद्देश्य से रखा गया है, कितने बजे तक खुले रखने की अनुमति है।
बाउंसर को किस परिस्थिति में रखा गया है और मालिक उसे कैसे गाईड करता है इसका भी छानबीन की जायेगी।
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