नई दिल्ली, एजेंसियां। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने प्रोसेस बैक्ड फिनटेक फर्म PayU को पेमेंट एग्रीगेटर (PA) के रूप में काम करने और नए मर्चेंट्स और नये ग्राहकों को फिर से जोड़ने के लिए इन प्रिंसिपल मंजूरी दे दी है।
इन-प्रिंसिपल मंजूरी फाइनल लाइसेंस नहीं होता, लेकिन कंपनियां इसके जरिए 6 से 12 महीने तक काम कर सकती है।
जनवरी 2023 में, बैंकिंग रेगुलेटर ने कॉम्प्लेक्स कॉर्पोरेट स्ट्रक्चर के कारण पेमेंट एग्रीगेटर के रूप में काम करने के लिए फिनटेक फर्म के आवेदन को वापस कर दिया था।
अब एक बार फिर से कंपनी को मंजूरी मिल गई है। इससे ग्राहकों को फोन बैंकिंग या पेमंट आदि के लिए एक और नया विकल्प मिल सकेगा।
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